VIDEO: रामगढ़ बांध की आबोहवा में बदलाव शुरू, अगले मानसून के पहले तैयार दिखेगा रामगढ़ बांध, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : रामगढ़ बांध के भले ही वर्ष 2028 तक लबालब होने की बात हो रही हो. लेकिन बांध की आबोहवा में अभी से बदलाव दिखाई देने लगा है. मानसून की विदाई के बाद से ही बांध से जुड़े भवनों पर रंग-रोगन चल रहा है. बांध की पाल पर वहीं पुराना लाल पत्थर चमक बिखेर रहा है..बांध पर क्या कुछ नया और कैसे निखर रहा स्वरूप.

इस मानसून वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान की शुरुआत करने वाले और देशभर में ड्रोन से बारिश का नजारा दिखाने वाले पहले बांध रामगढ़ में जीर्णोद्धार का काम तेजी से चल रहा है. मानसून विदा होने के बाद बांध के अहाते में बने निर्माण को फिर से तैयार किया जा रहा है. बांध पर सड़क निर्माण हो चुका और दो माह के भीतर पाल पर लाल पत्थर लगाने का काम पूरा हो जाएगा. बांध के पंप हाउस को तैयार करवाने की प्लानिंग भी शुरू हो चुकी है और इंजीनियर मौका मुआयना कर चुके.

यूं भरा जाएगा रामगढ़ बांध
-करीब 116 किलोमीटर का सफर तय कर पानी पहुंचेगा रामगढ़ बांध
-दो हिस्सों में नहर और तीन हिस्सों में पाइप लाइन से पहुंचेगा पानी
-करीब 40 किलोमीटर की नहर और 76 किमी. के रहेगी पाइपलाइन
-ईसरदा, डील नदी और ढूंढ व अमानीशाह नाले को मिला पंप हाउस बनेगा
-करीब 55 एमक्यूएम पानी पहुंचाया जाएगा रामगढ़ बांध
-भूमि अधिग्रहण सहित करीब 2200 करोड़ रुपए आएगी लागत
-करीब 22 लाख की ग्रामीण आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा

जयपुर जिले के आंधी, जमवारामगढ़, आमेर, जालसू, गोविंदगढ़, विराटनगर, पावटा और कोटपूतली ब्लाक को पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित

ईसरदा से रामगढ़ बांध तक करीब 116 किलोमीटर का सफर तय कर पानी पहुंचेगा. इसके चलते बांध में ठेका कंपनी दो बार सर्वे भी कर चुकी है. बांध में पानी लाने के लिए अलाइंमेंट तय हो रहा है. कहां-कहां से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो सकती है, इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है...कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि रामगढ़ बांध में पानी लाने का भजनलाल सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट 2028 में पूरा हो सकता है.