नए संसद भवन के उद्घाटन से जुड़ी धार्मिक रस्में दिखती हैं कि देश को पीछे ले जाया जा रहा- शरद पवार

नए संसद भवन के उद्घाटन से जुड़ी धार्मिक रस्में दिखती हैं कि देश को पीछे ले जाया जा रहा- शरद पवार

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नये संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विभिन्न ‘धार्मिक रस्मों’ के निर्वहन से यह प्रदर्शित होता है कि ‘‘देश को पीछे ले जाया जा रहा’’ है. उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘‘वैज्ञानिक सोच रखने वाले समाज’’ की परिकल्पना की थी, लेकिन नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जो कुछ हुआ वह उनकी दृष्टि के ठीक उलट है.

प्रधानमंत्री मोदी ने नयी दिल्ली में आज सुबह एक समारोह में नये संसद भवन का उद्घाटन किया, जिस दौरान वहां हवन किया गया और सर्वधर्म प्रार्थना आयोजित की गई तथा लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप राजदंड (सेंगोल) स्थापित किया गया. पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा आधुनिक भारत की अवधारणा की बात करने और नयी दिल्ली में आज नये संसद भवन में की गई विभिन्न रस्मों में बहुत बड़ा अंतर है. मुझे हम अपने देश को दशकों पीछे ले जाये जाने का डर है. उन्होंने कहा, ‘‘नेहरू ने वैज्ञानिक सोच वाले समाज का निर्माण करने की ओर निरंतर प्रयास किया. लेकिन आज नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जो कुछ हुआ, वह उससे ठीक उलट है जिसकी नेहरू ने परिकल्पना की थी.’’ राकांपा उन 20 विपक्षी दलों में शामिल है, जिन्होंने नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री द्वारा किये जाने का बहिष्कार करने की घोषणा की थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अनुपस्थिति पर निराशा जाहिर करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष हैं, जबकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति हैं. उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाना चाहिए था. पवार ने कहा, ‘‘संसद का सत्र राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होता है. फिर क्यों उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया? यह पूछे जाने पर कि कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित किया गया था या नहीं, पवार ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि मुझे आमंत्रित किया गया था या नहीं. हो सकता है कि मेरे दिल्ली कार्यालय को आमंत्रण पत्र मिला हो, लेकिन मैं इससे अवगत नहीं हूं. सोर्स- भाषा