VIDEO: कानून के उल्लंघन पर रेरा राजस्थान की सख्ती, बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन के पट्टा जारी करने और इकाईयों के बेचान पर दिखाई सख्ती

जयपुर: रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी राजस्थान (रेरा राजस्थान) ने बिना रेरा कानून में रजिस्ट्रेशन के योजनाओं के पट्टे जारी करने और इकाइयों के बेचान पर गहरी आपत्ति जताई है. 

प्रदेश में रेरा कानून 1 मई 2017 को लागू किया गया था. इस कानून के मुताबिक पांच सौ वर्गमीटर से अधिक भूमि पर अथवा आठ इकाईयों से अधिक निर्माण की सभी योजनाओं का रेरा में रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है. इसके साथ ही जब यह कानून प्रदेश में लागू हुआ था.  नियमों में ये स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं कि इस कानून के लागू होने की तिथि के अनुसार  किन योजनाओं में रेरा में रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं हैं. आपको बताते हैं कि किन योजनाओं में रेरा में रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं हैं.   

इन योजनाओं का रेरा में रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं
- वे योजनाएं में जिनमें 1 मई 2017 से पहले निकाय ने एक भी भूखंड का पट्टा जारी कर दिया हो
-वे योजनाएं जिनमें 1 मई 2017 से पहले 60% अथवा उससे अधिक भूखंडों का कब्जा आवंटियों को सौंपा जा चुका है
-वे योजनाएं जिनमें 1 मई 2017 से पहले विकास कार्य पूरा हो चुका था और
-उनका पूर्णता पत्र जारी हो चुका है अथवा प्रक्रियाधीन है
-वे जिनमें 1 मई 2017 से पहले जिनमें कॉमन एरिया व फैसलिटीज संबंधित निकाय को हैंड ओवर किए जा चुके हाें
-ऐसी सभी योजनाओं का रेरा में रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं हैं

इनके अलावा सभी योजनाओं का रेरा में रजिस्ट्रेशन कराया जाना जरूरी है. इसके लिए जयपुर विकास प्राधिकरण ने तो योजना का ले आउट प्लान जारी करते समय ही यह शर्त लगाना शुरू कर दिया था कि योजना का पहले रेरा में रजिस्ट्रेशन कराया जाए. इसके बाद ही योजना में भूखंडों के पट्टे जारी किए जाएंगे या उसका नियमन शिविर लगाया जाए. लेकिन रेरा राजस्थान को यह फीडबैक मिला है कि जोधपुर विकास प्राधिकरण व अन्य विकास प्राधिकरण,नगर सुधार न्यास व शहरी निकाय इसी कानूनी प्रावधान की पालना नहीं कर रहे हैं. ऐसे में रेरा राजस्थान के चैयरमेन एनसी गोयल की स्वीकृति से रजिस्ट्रार आरसी शर्मा ने सभी निकायों को सख्त आदेश जारी किए हैं. आपको बताते हैं कि इस आदेश में क्या कहा गया है.

-सभी निकाय प्लॉटेउ योजनाओं के स्वीकृत ले आउट प्लान जारी करते समय यह शर्त लगाएंगे
-संबंधित खातेदार/विकासकर्ता की ओर से योजना को रेरा में रजिस्टर्ड कराने की शर्त लगाएंगे
-रेरा रजिस्ट्रेशन के बाद ही निकाय योजना के पट्टे जारी करेंगे
-इस आदेश का उल्लंघन करने पर रेरा संबंधित निकाय के खिलाफ कार्यवाही करेगा
-रेरा की ओर से ऐसे मामलों में निकाय के खिलाफ जुर्माना लगाने व दंड आरोपित करने की कार्यवाही की जाएगी
-एकल पट्टा के प्रकरणों में बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन के निकाय पट्टा जारी कर सकेंगे
-लेकिन स्वीकृत मानचित्र जारी करते समय रेरा रजिस्ट्रेशन की शर्त लगाई जाएगी
-इस शर्त के मुताबिक योजना की मार्केटिंग या इकाईयों का बेचान बिना रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकेगा