उत्तराखंडः उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों का आज 11वें दिन भी लगातार रेस्क्यू जारी है. हालांकि अब एक नया प्रयास रेस्क्यू ऑपरेशन की सबसे बड़ी उम्मीद ऑगर मशीन है. बुधवार को ऑगर मशीन की ड्रिलिंग में सफलता मिली. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगर ऑगर मशीन के सामने रुकावट नहीं आई. तो 2-3 दिन में मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है.
अब तक ऑगर मशीन से 27 मीटर ड्रिलिंग करके 800 एमएम का पाइप टनल में डाला जा चुका है. सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए मंगलवार रात भर ड्रिलिंग का काम चला. ऑगर मशीन से 800 एमएम के छह पाइप डाले जा चुके हैं. सातवें पाइप की वेल्डिंग का काम चल रहा है. ड्रिलिंग सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. अब सुरंग में करीब 20 से 22 मीटर की दूरी रह गई है. मजदूर करीब 56 मीटर अंदर हैं. ऐसे में रेस्क्यू आपरेशन के लिए आज का दिन अहम है.
पाइप के माध्यम से भेजा जा रहा खानाः
अब छह इंच वाली पाइप का सहारा लिया जा रहा है. सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को स्वस्थ रखने के लिए लगातार खाने और पानी की सप्लाई हो रही है. मंगलवार रात मजदूरों को खाने में पाइप के जरिए वेज पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गईं. 'नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कोर्पोरेशन' (NHIDCL) के डायरेक्टर अंशु मनीष खुल्को ने इसकी जानकारी दी है.
तस्वीर ने बांधी उम्मीदः
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का पहला फुटेज सामने आया है. इस दौरान कैमरे से टनल के भीतर फंसे हुए सभी 41 मजदूर दिखाई दिए. सभी सुरक्षित हैं. जिसने 10 दिन से जारी ऑपरेशन में उम्मीद बांधने का काम किया है. टनल में 6 इंच चौड़ी नई पाइपलाइन के जरिए एंडोस्कोपिक कैमरा अंदर भेजा गया. इसके जरिए मजदूरों से बातचीत हुई. उनका हालचाल जाना. मजदूरों की गिनती की गई. फिलहाल, सभी मजदूर सुरक्षित हैं. सभी खुश और हंसते नजर आए.