जयपुर: मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के सानिध्य में माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के राइजिंग राजस्थान प्री समिट में शुक्रवार को 63 हजार 463 करोड रुपए के एमओयू हस्ताक्षरित और आदान प्रदान किए गए. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मौजूदगी में आयोजित एमओयू समारोह में राज्य सरकार की और से प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त व निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल और एमओयू करने वाली संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच करार पत्रों का आदान प्रदान हुआ. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने निवेशकों से आगामी 8, 9 10 दिसंबर को आयोजित राइजिंग राजस्थान समिट में अधिक अधिक से निवेश प्रस्ताव के साथ आगे आने का आह्वान करते हुए प्रदेश के विकास यात्रा में भागीदार बनने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक निवेश के अनुकूल वातावरण बनाया गया है इससे प्रदेश की प्रगति, आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर विकसित होंगे. शर्मा ने जापान और कोरिया यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि जापान के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे राजस्थान में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं इसी तरह से कोरिया की कोरियन स्टोन कंपनी सहित कंपनियों ने भी राजस्थान में निवेश में रुचि दिखाई है. मेरा आग्रह है कि राजस्थान में काम कर रही देशी विदेशी कंपनियां अपने मुनाफे को प्रदेश में ही औद्योगिक विकास के लिए निवेष करें ताकि प्रदेष में निवेश और रोजगार के नए अवसर विकसित हो सके.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में सोना, चांदी, लेड, जिंक, मार्बल, ग्रेनाइट सहित विभिन्न खनिजों के विपुल भण्डार है. सीकर के रोहिल में यूरेनियम के खनन हेतु यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इण्डिया को एलओआई जारी किया गया है वहीं बाड़मेर, जालौर, नागौर आदि में दुर्लभतम खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट के भण्डार मिले हैं. हमारी सरकार आरईई को बढ़ावा देने के लिए सेंटर फॉर एक्सिलेंस स्थापित करने जा रही है. पिछले सात माह में ही 32 मेजर खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर हम देष में प्रथम आ गए हैं.
उन्होंने कहा कि नई खनिज नीति में खनिजों के खोज कार्य में तेजी लाने, खनिज रियायतों का समय पर आवंटन, खनन क्षेत्रों के विकास, खनिज बजरी व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने, प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने, खनन क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का उपयोग सहित प्रदेश में खनिज क्षेत्र में औद्योगिक निवेश, रोजगार और राजस्व बढ़ाने पर जोर रहा है. शर्मा ने कहा कि राज्य की नई एम-सेण्ड नीति में प्रदेश में एम-सेण्ड इकाइयों के संचालन में आसानी एवं उत्पादन की दृष्टि से निवेशकों के अनुकूल बनाने के साथ ही निवेशकों को रिप्स के माध्यम से सहायता और आमनागरिकों को बजरी के विकल्प के रुप में एम-सेण्ड की सहज उपलब्धता सुनिष्चित करने पर बल है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में देश के कुल उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत क्रूड ऑयल और प्रतिदिन 3.3 मिलियन घनमीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है. मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि नया विकसित राजस्थान बनाने में माइनिंग सेक्टर की प्रमुख भूमिका है. राज्य में संपर्क सड़कों के तेजी से विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली मुंबई इण्डस्ट्रियल कोरिडोर क्षेत्र में स्टोन पार्क विकसित करने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा ताकि प्रदेश के स्टोन्स को एक ही स्थान पर प्रदर्शित कर देश दुनिया के सामने रखा जा सके. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने राजस्थान की विपुल खनिज संपदा की चर्चा करते हुए कहा कि रोडमैप बनाकर आगे बढ़ा जा रहा है. उन्होंने रिफाइनरी की प्रगति, राजस्थान के खनिजों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी ली.
प्रमुख सचिव माइंस टी रविकान्त ने स्वागत करते हुए बताया कि प्रदेश के इतिहास में पहला अवसर है जब माइनिंग सेक्टर में निवेशकों ने आगे बढ़कर रुचि दिखाई है. उन्होंने बताया कि आज सहित माइनिंग व पेट्रोलियम सेक्टर में एक लाख 41 हजार 184 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित हो चुके हैं. आज 63 हजार 463 करोड़ के एमओयू संपन्न हुए हैं वहीं इससे पहले 77 हजार 721 करोड़ रुपए के एमओयू संपन्न हो चुके हैं. टी. रविकान्त ने बताया कि आज के प्री समिट की एक खास बात यह है कि प्रदेश में आरईई आदि दुर्लभतम खनिज के क्षेत्र में शोध अनुसंधान, कौशल विकास आदि के लिए आईआईटी मद्रास और कोल गैसिफिकेशन के लिए इंडियन ऑयल के साथ एमओयू किया गया है.
इससे प्रदेश में खोज, खनन, रोजगार, राजस्व की नई संभावनाएं विकसित होगी. आंरभ में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने रिफाइनरी, पेट्रोलियम, राजस्थान स्टेट गैस, आरएसएमएम और खान विभाग की प्रदर्शनियों का अवलोकन किया. अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन किया गया. समारोह में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मिनरल मार्वल्स ऑफ राजस्थानःबिल्डिंग इंडियाज आइकोनिक मोन्यूमेंटस एवं टाइमलैस ट्रेसरेस‘ द जियो हेरिटेज ऑफ राजस्थान कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर देश प्रदेश के खनिज क्षेत्र के विशेषज्ञ, खनिज लीजधारक और खनिज क्षेत्र से जुड़े प्रतिभागी मौजूद रहे.