अहमदाबाद: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री की उस टिप्पणी को ‘बकवास’ करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय टीम अति आत्मविश्वास के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंदौर टेस्ट मैच में हार गई थी.
शास्त्री 2014 के बाद सात में से छह वर्षों तक भारतीय टीम के मुख्य कोच रहे थे. उन्होंने तीसरे टेस्ट मैच में भारत की ऑस्ट्रेलिया के हाथों टर्न लेते विकेट पर नौ विकेट से हार के दौरान कमेंट्री करते हुए कहा था कि भारतीय टीम थोड़ी आत्ममुग्ध और अति आत्मविश्वास में थी जहां उन्होंने चीजों को तय मान लिया था. कप्तान रोहित ने पिछले 18 महीनों में अपनी शांति, संयम और गरिमा बनाए रखी है लेकिन जब उनसे तीसरे टेस्ट मैच को लेकर पूर्व कोच के आकलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने काफी दृढ़ता से जवाब दिया.
चार मैचों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं:
रोहित ने चौथे और अंतिम टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कहा कि ईमानदारी से कहूं तो जब आप दो मैच जीत जाते हैं तो बाहर के लोगों को लगता है कि हम अति आत्मविश्वास में हैं. यह पूरी तरह से बकवास है क्योंकि आप सभी चार मैचों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आप दो मैच जीतकर रुकना नहीं चाहते हैं. यह उतना ही सरल है. निश्चित तौर पर यह सभी लोग जब अति आत्मविश्वास की बात करते हैं और विशेषकर तब जबकि वह ड्रेसिंग रूम का हिस्सा नहीं होते हैं तो उन्हें पता नहीं होता है कि ड्रेसिंग रूम में किस तरह की चर्चा हुई. रोहित का यह जवाब ऐसे व्यक्ति के लिए था जो हाल तक टीम का मुख्य रणनीतिकार था.
हमारी मानसिकता किस तरह की होती है:
भारतीय कप्तान ने कहा कि हम सभी मैचों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं और अगर यह किसी बाहरी व्यक्ति को अति आत्मविश्वास या ऐसा कुछ लगता है तो वह वास्तव में हमारे लिए मायने नहीं रखता. रोहित ने कहा कि रवि स्वयं इस ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रह चुके हैं और वह जानते हैं कि जब हम खेलते हैं तो हमारी मानसिकता किस तरह की होती है. यह अति आत्मविश्वास नहीं बल्कि निर्मम बनने से जुड़ा है. निर्मम ऐसा शब्द है जो प्रत्येक क्रिकेटर के दिमाग में आता है और जब विरोधी टीम विदेश दौरे पर हो तो उसे थोड़ा भी मौका नहीं देने से जुड़ा है. जब हम विदेश का दौरा करते हैं तो हम भी ऐसा अनुभव करते हैं. सोर्स-भाषा