जयपुर: RUHS से जुड़े संघटक कॉलेज व अस्पतालों के चिकित्सक अब घर पर फीस लेकर मरीज नहीं देख पाएंगे.इन सभी मेडिकल टीचर्स का फोकस अस्पताल में भर्ती मरीजों को क्वालिटीपूर्ण ट्रीटमेंट और मेडिकल स्टूडेंट्स को शोधपूर्ण बेहतर शिक्षा देने का होगा.आरयूएचएस की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में अनिवार्य नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस का अहम फैसला लिया गया है, जो वर्तमान में कार्यरत मेड़िकल टीचर्स और नए ज्वाइन करने वाले डॉक्टर्स पर लागू होगा.आखिर क्या है इस फैसले के पीछे की मंशा और मरीज व मेडिकल स्टूडेंटस के लिए ये फैसला कैसे लाभकारी होगा. दरअसल, प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक के लिए घर पर प्रैक्टीस अलाउ है.इसी का परिणाम है कि हम कई बार देखते है कि सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में अधिकांश बड़े चिकित्सक नदारद मिलते है, जबकि शाम को घर पर निजी प्रेक्टिस के दौरान वो ही चिकित्सक मरीजों से घिरे नजर आते है.इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए कई बार मांग उठ चुकी है कि सरकारी चिकित्सकों की घर पर निजी प्रेक्टिस बन्द होनी चाहिए.
पिछले दिनों जब कार्यवाहक वीसी ने घर पर खुद की प्रेक्टिस का प्रस्ताव पारित करवाया, तो फर्स्ट इंडिया ने न सिर्फ इसे प्रमुखता से उठाया, बल्कि ये भी बताया कि आखिर यूं प्राइवेट प्रेक्टिस का मोह रीम्स के सपने को धूमिल कर रहा है.इसी बीच, एम्स की तर्ज पर रीम्स बनाने की भजनलाल सरकार की घोषणा को धरातल पर उतारने के लिए RUHS प्रशासन ने जब मंथन शुरू किया तो पाया कि एम्स में अनिवार्य नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस लागू है.इसके पीछे की मंशा ये होती है कि जो भी चिकित्सक इंस्टीट्यूट में काम करें, वो सिर्फ उसी काम पर फोकस करें.फिर चाहे मरीजों का ट्रीटमेंट हो या चिकित्सकीय क्षेत्र के शोध.इसी बात को ध्यान में रखते हुए आरयूएचएस से जुड़े RIMS,RUHS अस्पताल, जयपुरिया अस्पताल और डेंटल हॉस्पिटल में अनिवार्य रुप से नॉन प्रैक्टीस अलाउंस लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है.ये नियम पुरानी फैकल्टी के साथ ही नई भर्तियों में भी लागू होंगे.
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से बड़ी खबर:
-विवि में जल्द खुलेगा चिकित्सक समेत अन्य भर्तियों का पिटारा
-RUHS की बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर की मीटिंग में सर्वसम्मति से फैसला
-सहायक आचार्य(ब्रॉड स्पेशियलिटी) के 69, एपी (सुपर स्पेशिलिटी) के 9
-अशैक्षणिक श्रेणी के 441 पदों में से जिनकी भर्ती विश्वविद्यालय के स्तर पर होगी
-उन सभी पदों के लिए 12 दिसम्बर तक आवेदन मांगे जाने का हुआ निर्णय
RUHS की बॉम बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे प्रिंसिपल:
-RUHS की बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर की मीटिंग से जुड़ी खबर
-हाल ही में हुई बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने उठाए सवाल
-बॉम बैठक में संघटक कॉलेजों के प्रिंसिपल को नहीं बुलाए जाने पर उठाए सवाल
-बैठक में जब अधिकारियों ने नियमों का दिया हवाला, तो अम्बरीश कुमार ने दिए निर्देश
-बॉम की बैठक में विशेष आंमत्रित सदस्य के रूप में प्रिंसिपल को बुलाने के निर्देश
-ताकि, संघटक कॉलेजों से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णयों में सभी की तय हो पाए सहभागिता
प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी इंस्टीट्यूशन में अनिवार्य NPA लागू किया जा रहा है.हालांकि, अनिवार्य NPA की राशि को लेकर आरयूएचएस प्रशासन ने वित्त विभाग के पाले में गेंद डाली है.बैठक में तय किया गया है कि यदि आवश्यक हो तो दिल्ली एम्स के तर्ज पर वेतन भत्ते देने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.इस बारे में आरयूएचएस के कार्यवाहक कुलपति डॉ.धनंजय अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में एनपीए ऑप्शनल है, लेकिन अब इसे अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.