VIDEO: सादुलपुर में पानी के नाम पर घोटाला ! जल जीवन मिशन में एक और फर्जीवाड़ा, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर:  चूरू के सादुलपुर में जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों की लागत से चल रही पेयजल परियोजना में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है. राजस्थान विधानसभा में यह मामला गूंजा है और जोधपुर की मैसर्स विष्णु प्रकाश पुंगलिया फर्म पर गंभीर आरोप लगे हैं. विधायक मनोज कुमार ने आरोप लगाए हैं कि करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान किया गया है और अधिकारियों ने फर्म पर बड़ी मेहरबानी की है. विधानसभा में खुद जलदाय मंत्री ने भी माना कि फर्म की जितनी राशि रोकी जानी चाहिए थी, उससे कम रोकी गई. अब मंत्री ने इस पूरे मामले पर तीन महीने में जांच कराने की घोषणा की है.

रेगिस्तान की तपती भूमि वाले चुरू जिले के सादुलपुर में पानी के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है. घोटाला जल जीवन मिशन से जुड़ा है.  साल 2021 में शुरू हुआ जल जीवन मिशन का काम मई 2023 तक पूरा होना था... लेकिन 2025 तक आते-आते भी सादुलपुर में सिर्फ 65 फीसदी ही काम हो पाया है. काम की धीमी रफ्तार और खराब गुणवत्ता के साथ-साथ अब इस योजना में बड़े फर्जीवाड़े के आरोप भी सामने आए हैं. विधानसभा में सादुलपुर विधायक मनोज कुमार ने इस पूरे मामले को जोरशोर से उठाया. उनका आरोप है कि मैसर्स विष्णु प्रकाश पुंगलिया फर्म को फर्जीवाड़े से करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है.

-विधानसभा में गंभीर आरोप
-मैसर्स विष्णु प्रकाश पुंगलिया फर्म पर गंभीर आरोप
-चार साल में भी फर्म ने काम पूरा नहीं किया
-119 करोड़ का काम था, 75 करोड़ का भुगतान कर दिया
-30 करोड़ से अधिक का भुगतान फर्जी एमबी भरकर किया
-सरपंचों की फर्जी एनओसी भी भुगतान में इस्तेमाल की गई
-400 किलोमीटर फर्जी पाइप लाइन का भुगतान उठाया गया
-20 किमी फर्जी डीआई पाइप का भुगतान उठाया गया
-एडिशनल चीफ, SE, एक्सईन जैसे अधिकारी फर्जीवाड़े में शामिल
-आपणी योजना में एसवीई एंटरप्राइजेज पर भी उठे सवाल
-अक्टूबर 2024 में काम पूरा होना था, अभी तक पूरा नहीं

जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने भी विधानसभा मं स्वीकार किया कि राजगढ़-बूंगी पेयजल परियोजना में देरी के कारण संवेदक की 3.96 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान रोका गया है, जबकि 6 करोड़ रुपये का भुगतान रोका जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि फर्जी भुगतान की शिकायतों की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है. जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी तथा संवेदकों से भी भुगतान की राशि वसूल की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि पंचायतों के सरपंचों द्वारा गलत तरीके से एनओसी दी गई है, तो उसकी भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.  मंत्री ने यह भी माना कि धीमी गति से कार्य करने के कारण निर्धारित अवधि में पूरे नहीं किये जा सके हैं. फर्जी भुगतान की जांच के लिए परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेज प्राप्त कर लिए गए हैं.

-विधानसभा में मंत्री ने मानी फर्म की गड़बड़ी
-शिकायतों की जांच के लिए समिति का गठन किया गया
-जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई होगी
-ठेकेदार से भी भुगतान की राशि वसूल की जाएगी
-छह करोड़ रुपये की राशि रोकनी थी, लेकिन सिर्फ 3.96 करोड़ रुपये रोके गए

क्या वाकई फर्म पुंगलिया को राजनैतिक या प्रशासनिक संरक्षण मिला? सिर्फ 65% काम के बाद आंशिक भुगतान रोकना - क्या ये भ्रष्टाचार नहीं? क्या जलदाय विभाग का नियंत्रण तंत्र और निगरानी तंत्र कमजोर है? क्या दोषी अधिकारियों पर वास्तविक कार्रवाई होगी, या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा? सादुलपुर में जल जीवन मिशन को लेकर उठे ये आरोप सिर्फ एक क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करते हैं. यदि समय रहते गंभीर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मिशन अपने उद्देश्य – हर घर जल – को पूरी तरह से असफल कर सकता है.