सीकर: बाबा श्याम का सतरंगी फाल्गुनी लक्खी मेला परवान पर है. बाबा श्याम नीले घोड़े पर बैठकर एकादशी को अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले. इसी दौरान पुष्प वर्षा की गई. अब तक बाबा श्याम के लक्खी मेले की बात करें तो अब तक 22 लाख से अधिक श्याम भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई है. रींगस से खाटू श्याम जी तक 16 किलोमीटर का पैदल मार्ग श्याम भक्तों से अटा हुआ है.
वहीं श्याम भक्त बाबा के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं मांग रहे हैं. पूरी खाटू नगरी जहां केसरिया रंग से अटी हुई है तो वहीं बाबा नारे गुंजायमान है. कोई लखदातार तो कोई सच्चा दरबार तो कोई हारे का सहारा के जयघोष के साथ बाबा के दर्शन कर रहे हैं. राजस्थान से नहीं बल्कि देश और विदेश से भी लोग बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं. लक्खी मेले को अच्छे से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है.
जिला प्रशासन बेहतरीन सुविधाएं दे रहा है. मान्यता है कि जिन भक्तों को श्याम बाबा के मंदिर में दर्शन नहीं होते उनको दर्शन देने के लिए एकादशी को बाबा श्याम नगर भ्रमण को निकलते हैं. एकादशी का उपवास करने वाले सभी श्याम भक्तों बाबा की प्रतिमा के दर्शन कर अपना उपवास खोलते हैं. भगवान श्री कृष्ण का इन्हें वरदान है कि जो भी इनके दर पर आएगा वे खाली हाथ नहीं जाएगा. हर मनोकामना बाबा श्याम भक्तों की पूरी करते हैं और इसीलिए इन्हें सच्चा दरबार लखदातार और हारे का सहारा कहते हैं.
जन आस्था का बड़ा धार्मिक केंद्र खाटूश्यामजी इन दिनों केसरिया रंग में रंगा हुआ है. उड़ती गुलाल नाचते गाते श्याम भक्त बाबा के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं. इस मेले में पूरे देश की संस्कृति भी देखने को मिलती है ना कोई चेहरे पर थकावट ना कोई शिकन बस एक ही नाम हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा के जयघोष के साथ श्याम भक्त पैरों के छालों की परवाह किए बाबा दीदार के लिए आतुर है.