Shani Vakri 2023: 17 जून को कुंभ राशि में वक्री होंगे शनि देव, 141 दिन शनि चलेंगे उल्टी चाल; जानिए राशियों पर क्या होगा इसका प्रभाव ?

जयपुर: शनिदेव को न्याय व कर्म का देवता माना गया है. जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनिदेव उसे वैसा ही फल देता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह-नक्षत्रों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं. शनिदेव की उपस्थिति एक राशि में ढाई साल तक रहती है. इसके बाद ही वे अपना गोचर करते हैं. शनि इस वक्त अपनी राशि कुंभ राशि में विराजमान हैं. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनिदेव अब 17 जून 2023 को रात 10:57 मिनट पर कुंभ राशि में रहते हुए वक्री चाल चलेंगे. वक्री चाल से मतलब उल्टी चाल से चलना होता है. शनि की यह वक्री चाल 4 नवंबर 2023 तक रहेगी फिर इसके बाद कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे. शनि कुल 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे. शनि के वक्री होने पर इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा. शनिदेव साल 2023 में अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान हैं. शनि के कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के ऊपर इस समय शनि की साढ़ेसाती चल रही है. 

देश-दुनिया पर असर:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि करीब ढाई साल अपने घर में रहेंगे. जिससे देश के लिए ये बदलाव फायदेमंद होगा. अनाज की अच्छी पैदावार के साथ बाजार में उछाल आने के आसार हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रगति होगी, लेकिन प्राकृतिक आपदा प्रभावित कर सकती है. आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं. महत्वपूर्ण पद वालों को सुरक्षा और सेहत का खासतौर से ध्यान रखना होगा. अस्थिरता बढ़ सकती है. बीमारियों के इलाज में भी नए-नए आविष्कार होंगे. नई-नई दवाइयां और तकनीक विकसित होगी. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है. प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना.  

वक्री शनि का प्रभाव:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि के शुभ प्रभाव से लोगों के रुके हुए काम पूरे होंगे. प्रॉपर्टी से जुड़े मामले सामने आएंगे. कुछ नौकरीपेशा लोगों के ट्रांसफर की स्थिति बन सकती है. प्रमोशन हो सकता है. कामकाज की जिम्मेदारी भी बढ़ने के योग हैं. बिजनेस करने वालों के भी काम करने की जगह पर बदलाव होगा. रहने की जगह भी बदल सकती है. वहीं, इसके अशुभ प्रभाव से कुछ लोगों को पैर में या हड्डी की चोट लग सकती है. ऑपरेशन की स्थिति भी बनेगी. साढ़ेसाती वालों को कर्जा लेना पड़ सकता है. कामकाज में बार-बार बदलाव की स्थितियां बनेंगी.

राशियों पर असर:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि की उल्टी चाल का प्रभाव सबसे अधिक कर्क, सिंह, कन्या, मकर, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों पर पड़ेगा. इन सभी राशि पर शनि की टेढ़ी नजर होगी. बता दें कि शनि ग्रह के गोचर से मीन राशि पर साढ़े साती आरंभ हो गई है. वहीं कुंभ राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण, मकर राशि पर साढ़े साती का अंतिम चरण, कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का आरंभ हो गई है. 

 

शुभ फल:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि यदि आपकी जन्म कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हैं तो आपको शनि की वक्री चाल के समय भी शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है. वहीं जो व्यक्ति धर्म के काम करता है उसको भी शनि कष्ट नहीं पहुंचाते हैं. शनि के बारे में मान्यता है कि ये लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. 

शनि की वक्री चाल: 
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी की जन्म कुंडली में शनि वक्री अवस्था में बैठे हुए हैं और उस कुंडली के लिए शुभ फल कारक ग्रह है तो शनि का वक्री होना शुभ लाभकारी माना जाता है. इसी तरह यदि अशुभ होकर शनि वक्री हों तो अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं. वक्री शनि के शुभ होने पर कार्य क्षेत्र में तरक्की मिलती है वहीं अशुभ होने पर कार्यों में रुकावट आती हैं.

उपाय:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शिव उपासना और हनुमत उपासना करें. मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें. हनुमान चालीसा एवं शनि चालीसा का पाठ करें. मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को सरसों के तेल का दीपक जलाएं, दर्शन का लाभ लें. मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें. शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान अवश्य करें. गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं. पशु पक्षियों के लिए दाने,  हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें. तेल का दान भी करना चाहिए. तेल दान करने से आपको अपने कष्टों से छुटकारा मिलता है. शनिवार को लोहे से बनी चीजों को दान करना चाहिए. इस दिन लोहे का सामान दान करने से शनि देव शांत होते हैं. लोहा दान देने से शनि की दृष्टि निर्मल होती है. रुद्राक्ष की माला लेकर एक सौ आठ बार ॐ शं शनैश्चराय नमः का जप करें, शनिदेव की कृपा बनेगी और कष्ट दूर होंगे. काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं. सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है.

इन गलतियों को करने से बचें:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि किसी असहाय को बेवजह परेशान नहीं करें. मांस, मदिरा का सेवन बिल्कुल नही करें. कमजोर व्यक्तियों का अपमान न करें. अनैतिक कार्यों से दूर रहें.