बांसवाड़ा: आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई. मां के 9 रूपों की पूजा अर्चना होगी. आज पहले नवरात्र पर मां शैलपुत्री की पूजा होगी. मां को श्वेत रंग अति प्रिय है. मंदिरों में सुबह से भक्तों की कतार लग रही है. सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र की अवधि को विशेष महत्व दिया गया. इस दौरान ऋतु में भी परिवर्तन आता है और शरद ऋतु प्रारंभ हो जाती है. यह पर्व मुख्य रूप से मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है.
इस अवधि को माता रानी की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है. साधक पूरे विधि-विधान से नवरात्र के व्रत और पूजा-अर्चना करता है. मां दुर्गा की कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है. शक्ति आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि गुरुवार से शुरू हुए. बांसवाड़ा में भोर में ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आराध्य देवी मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंचकर मातारानी के दर्शन किए और सुख - समृद्धि की कामना की.
शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन के लिए तड़के ही श्रद्धालु स्नानादि के उपरांत पहुंचना शुरू हो गए थे. मंदिर परिक्षेत्र के आसपास के गांवों के अतिरिक्त बांसवाड़ा, परतापुर आदि से भी श्रद्धालु नंगे पांव पदयात्रा कर त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंचे. सभी जय माता दी का उद्घोष करते हुए मंदिर की ओर बढ़ते रहे. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी सम्मिलित रहीं. नवरात्रि का पहला दिन गुरुवार होने से मातारानी को पीले वस्त्र धारण कराकर आकर्षक श्रृंगार किया गया. पं. निकुंजमोहन पंड्या के निर्देशन में विविध मंत्रों से पूजन के बाद मंगला आरती की गई. इसके बाद से दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. पूर्वान्ह में यहां विधि विधान से घट स्थापना की जाएगी. रात्रि में 8 बजे से गरबा उत्सव नवरात्रि पर्यंत रहेगा.