Shukra Vakri 2023: 4 सितंबर तक वक्री रहेगा प्रेम का कारक शुक्र ग्रह, देश-दुनिया पर होगा ये असर; जानिए आपकी राशि पर क्या होगा प्रभाव

जयपुर: 23 जुलाई को शुक्र सिंह राशि में वक्री हो गया है. यानी शुक्र की चाल इतनी धीमी हो गई है कि पृथ्वी से देखने पर पीछे की और जाता हुआ दिखाई देगा. ऐसी स्थिति 4 सितंबर तक रहेगी, लेकिन सिंह राशि में वक्री स्थिति 7 अगस्त तक ही रहेगी. शुक्र की ऐसी स्थिति का असर देश-दुनिया सहित सभी राशियों पर रहेगा. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बीते 6 जुलाई की सुबह 4:05 मिनट पर शुक्र सिंह राशि में प्रवेश किए थे और 23 जुलाई को सुबह 7:03 मिनट पर शुक्र सिंह राशि में वक्री हो चुके हैं. वक्री यानि उल्टी गति से चलते हुए 7 अगस्त की सुबह 10:58 मिनट पर शुक्र कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसके बाद 4 सितंबर की सुबह 6:50 मिनट पर शुक्र कर्क राशि में मार्गी होंगे और मार्गी यानि सीधी गति से चलते हुए 1 अक्टूबर की देर रात 1:01 मिनट पर पुनः सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे. 

इस ग्रह की अच्छी स्थिति होने से जीवन में कई सुख-सुविधाएं मिलती हैं. वैवाहिक जीवन में भी शुक्र का असर पड़ता है. कुंडली में ये ग्रह मजबूत हालत में हो तो दांपत्य जीवन सुखद रहता है. वहीं शुक्र की कमजोर स्थिति वैवाहिक जीवन को खराब कर सकती है. शुक्र का प्रभाव इनकम, खर्चा, शारीरिक सुख-सुविधाएं, शौक और भोग-विलास पर होता है. इस ग्रह के कारण विवाह, पत्नी, अपोजिट जेंडर और यौन सुख संबंधी मामलों में शुभ-अशुभ बदलाव देखने को मिलते हैं. शरीर में शुक्र का प्रभाव प्राइवेट पार्ट्स पर पड़ता है. इसके अशुभ प्रभाव से खांसी और कमर के निचले हिस्सों में बीमारी होती है. शुक्र सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा चमकदार है. इसका राशि बदलना ज्यादातर लोगों के लिए शुभ ही होता है. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में फलकथन का विचार करते समय ग्रहों के गोचर को काफी महत्व दिया जाता है. खास तौर पर वक्री ग्रह की अहम भूमिका मानी जाती है. कुंडली में प्रेम और ऐश्वर्य के कारक ग्रह, शुक्र 23 जुलाई की सुबह 7:03 मिनट पर सिंह राशि में वक्री हो गए. अगले महीने 7 अगस्त को ये पुनः कर्क राशि में गोचर करेंगे और यहां 1 अक्टूबर तक रहेंगे. इस अवधि के दौरान यह 4 सितंबर को मार्गी हो जाएंगे. इस तरह शुक्रदेव 43 दिनों तक वक्री स्थिति में रहेंगे. शुक्र जब वक्री स्थिति में आते हैं, तो जातक को मिले-जुले परिणाम देते हैं. इसकी वजह से भौतिक सुखों में कमी आ सकती है, प्रेम संबंधों में तनाव आ सकता है या रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है.

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि कोई भी ग्रह विशेष जब अपनी सामान्य दिशा की बजाए उल्टी दिशा यानि विपरीत दिशा में चलना शुरू कर देता है तो ऐसे ग्रह की इस गति को वक्री कहा जाता है. दरअसल, ग्रहों का पथ अंडाकार होने से पृथ्वी की गति से जब अन्य ग्रहों की गति कम होती है, तब वे विपरीत दिशा में चलते हुए प्रतीत होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वक्री चाल चलते समय ग्रह अपने नियत स्वभाव के अनुसार फल देने की बजाय उससे अलग फल भी देते हैं. जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो पृथ्वी के करीब होने की वजह से इसका सीधा प्रभाव राशियों पर पड़ता है.

मौसम में अचानक बदलाव: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के राशि बदलने से खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. समुद्री तूफान की आशंका बन रही है. सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी. देश में कुछ जगहों पर हल्की बारिश से ठंड बढ़ सकती है. सोना-चांदी और कीमती धातुओं में तेजी आ सकती है. मशीनरी समान महंगे हो सकते हैं. दूध से बनी चीजों का उत्पादन बढ़ सकता है. सुख-सुविधाओं की चीजों में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है. शुक्र का राशि बदलना देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना के साथ पहाड़ों पर संकलन आंदोलन हिंसा धरना प्रदर्शन हड़ताल उपद्रव आगजनी की स्थिति बनेगी. 

राजनीति पर प्रभाव:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्तमान में ग्रहों का संचार कुछ इस प्रकार हो रहा है मानो ग्रहों ने विश्व को बदलने का दृढ़ संकल्प लिया है. ग्रह विश्व में दो ऐसे खेमों के निर्माण का संकेत दे रहे हैं जहां एक खेमा सृजन करना चाहता है तो दूसरा इस मार्ग को छल, कपट और धोखे द्वारा विचित्र स्थिति बनाना चाह रहा है. पहले खेमे में जहां सृजन की बात हो रही है, नव निर्माण की बात हो रही है, वहीं दूसरे खेमे में मंगल के होते हुए भी सब मंगल नहीं है. पर्यावरण को लेकर महत्वपूर्ण बैठकें होंगी. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. बड़े नेताओं से दुख समाचार मिलने की संभावना.

 

भारत पर प्रभाव:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मघा नक्षत्र में शुक्र का वक्री होना, मंगल के साथ होकर शनि से दृष्ट होना इस बात का संकेत दे रहा है कि देश के कई राज्यों में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति पैदा होगी. सामाजिक क्षेत्र में भी लोगों में भोग विलास की भावना तीव्र होगी जिससे लोग गलत तरीके अपनाकर सुख भोग पाना चाहेंगे. इससे कुछ ऐसी घटनाएं सामना आ सकती हैं जिससे लोगों का मन विचलित होगा.

6 राशियों को रहना होगा संभलकर:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि सिंह राशि में शुक्र की चाल बदलने से कर्क, सिंह, कन्या, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को नुकसान हो सकता है. इन राशियों के लोगों को लेन-देन और निवेश में संभलकर रहना होगा. शुक्र के कारण इनके कामकाज में बदलाव हो सकता है. सेहत संबंधी परेशानी हो सकती है. अपोजिट जेंडर वालों से तनाव बढ़ सकता है. विवाद होने की भी आशंका है. सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है. दौड़-भाग भी बनी रहेगी. लव लाइफ या दांपत्य जीवन में उतार-चढ़ाव रहेगा. अनचाहे खर्चे भी होने के योग बन रहे हैं. कामकाज में लापरवाही और जल्दबाजी करने से भी बचना चाहिए.

6 राशियों के लिए अच्छा समय:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के राशि बदलने से मेष, वृष, मिथुन, तुला, वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए समय अच्छा रहेगा. इन राशि वाले लोगों को किस्मत का साथ मिल सकता है. प्रॉपर्टी और आर्थिक मामलों में फायदा मिल सकता है. जॉब और बिजनेस में तरक्की मिल सकती है. सेहत के लिए समय अच्छा रहेगा. सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी. रुका हुआ पैसा मिलने के भी योग बन रहे हैं. अपोजिट जेंडर वालों के साथ समय बीतेगा. उनसे मदद मिल सकती है. कई मामलों में फायदे वाला समय रहेगा.

शुक्र के उपाय:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि मां लक्ष्मी अथवा मां जगदम्बा की पूजा करें. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें. शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं. चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें. श्री सूक्त का पाठ करें. शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र, दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें.