जोधपुर: अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम पर बनी फिल्म " एक ही बंदा काफी है " एक बार फिर विवादों में आ गई है. मामले में पीड़िता के अधिवक्ता प्रमोद वर्मा ने अपने जूनियर साथी वकील पीसी सोलंकी पर आरोप लगाया है.
प्रमोद वर्मा ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि आसाराम मामले में वह असिस्टेंट वकील था जो कि कॉपी लाने ले जाने के लिए उसे रखा गया था. उसने खुद को मुख्य वकील बताते हुए अपने किरदार पर एक फिल्म बनाई है जो कि पूरी तरह गलत किरदार पर बनाई गई है. उन्होंने कहा है कि मुझे इस बात का मलाल है केस में जब हमने पीड़िता से कुछ भी पैसा नहीं लिया और फिल्म बनाने के नाम पर उसने करोड़ों रुपए प्रोड्यूसर डायरेक्टर से लिए हैं.
प्रमोद वर्मा ने आरोप लगाया कि पूरे केस में बिना फीस लिए हुए मैंने पैरवी की थी लेकिन मेरे असिस्टेंट के तौर पर पीसी सोलंकी थे, जिन्होंने मुझे बिना बताए हुए आसाराम पर बनी फिल्म एक बंदा ही काफी है अपने आप को पीड़िता का वकील बताकर किरदार निभाया है जिसकी एवज में 2 करोड़ 16 लाख रुपए की राशि ली है. जबकि इस केस में पीड़िता का मुख्य वकील प्रमोद कुमार वर्मा थे.
बाहर काउंसलिंग को अधिवक्ता पीसी सोलंकी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए:
वहीं फिल्म एक ही बंदा काफी है में अधिवक्ता का किरदार निभाते हुए पीसी सोलंकी ने बताया कि मेरे पास इस केस के दौरान एक व्यक्ति पैसों से भरा बैग लेकर मेरे घर आया था और मैंने पैसे नहीं लिए थे. लेकिन यह घटना अधिवक्ता प्रमोद कुमार वर्मा के साथ हुई थी. वहीं प्रमोद वर्मा ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर बाहर काउंसलिंग को अधिवक्ता पीसी सोलंकी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.