नई दिल्लीः बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी हालात नहीं सुधर रहे है. आरक्षण को लेकर जारी बवाल देश में विरोध प्रदर्शन में बदल गया है. ऐसे में लगातार अल्पसंख्यकों को निशाने पर लिया जा रहा है. अब हिंसा की आग शिक्षकों तक आई है.
5 अगस्त से अब तक 49 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने को मजबूर किया गया. 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले की 205 घटनाएं हुई. हिंसा के दौरान धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदाय के घरों में लूटपाट, महिलाओं पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और व्यवसायों पर आगजनी और हत्याओं जैसी घटनाओं का भी सामना करना पड़ा रहा है.
बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर बवाल देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन में बदल गया. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को कुर्सी भी गंवानी पड़ी. और बांग्लादेश छोड़ हसीना भारत आई. लेकिन इसके बाद भी बांग्लादेश में हालात सही होने का नाम नहीं ले रहे है. और लगातार वहां अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है.