जयपुर : फिर से SMS अस्पताल की लाइफ लाइन का करप्शन सुलग गया है. लाइफ लाइन ड्रग स्टोर के बहुचर्चित 'LD' प्रकरण में ACB में मुकदमा दर्ज हुआ है. जिसकी जांच में गंभीर वित्तीय गड़बड़ी मिली है. ऐसे में वर्ष 2012 से लेकर 2019 तक हुए करप्शन पर ACB ने FIR दर्ज की है.
दरअसल, 2012 से अस्पताल प्रशासन खुद लाइफ लाइन चला रहा था. इस दौरान कई बार ऐसे केस सामने आए जब फर्मों की लेटलतीफी के चलते मरीजों को दवा नहीं मिली. बावजूद इसके मिलीभगत के खेल में निजी फर्मों से नियमानुसार लेट डिलीवरी (LD) की पैनल्टी नहीं वसूली गई.
2018 से सत्ता बदलने के साथ ही लाइफ लाइन में लगी आग में रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द किया गया. इसके बाद विभागीय जांच में 5.09 करोड़ की निकली 'LD' रिकवरी हुई. जिसमें से अब तक अस्पताल प्रशासन 3.41 करोड़ वसूल पाया, शेष अभी भी पेंडिंग है. जांच में सामने आया कि जो राशि वसूली की गई वो भी ACB में परिवाद दर्ज होने के बाद की गई.
ऐसे में निजी फर्मों से मिलीभगत करके 'LD' वसूली नहीं करने वालों में 6 चिकित्सक, 4 मुख्य लेखाधिकारी/FA समेत करीब 15 से अधिक कार्मिकों को सामूहिक जिम्मेदार माना गया. जांच के आधार पर ACB ने प्रकरण में तत्कालीन फार्मासिस्ट सुनील मीणा और वरिष्ठ सहायक मदनलाल बैरवा समेत अन्य के खिलाफ दर्ज FIR की गई है.