नई दिल्लीः उत्तरकाशी टनल से राहत की आवाज आयी है. टनल में फंसे कर्मचारी विशाल ने संपर्क साधा है. विशाल ने बाहर अपने पिताज से कहा पिता जी मैं ठीक हूं, घबराने की जरूरत नहीं है. यह बात पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे मंडी जिले के विशाल ने बुधवार को अपने पिता धर्म सिंह से पाइप के जरिये कही. पिता ने भी जल्द रेस्क्यू करने का भरोसा दिलाते हुए विशाल का हौसला बढ़ाया.
दरअसल 4 दिन से अधिक का समय होने के बाद राहत की आवाज बाहर आयी है. कर्मचारी ने अपने पिताजी से बात की है. और बताया है कि मैं ठीक हूं. आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है. दोनों के बीच ये बात पाइप के जरिये हुई है. वहीं पिता ने भी बेटे की हौसला बुलंदी करते हुए जल्द से जल्द रेस्क्यू का भरोसा दिलाया है. इसके बाद ये तो साफ हो गया है कि फिलहाल फंसे सभी मजदूर सुरक्षित है.
फिर एक नया प्रयासः
अब ड्रिलिंग मशीन के माध्यम से मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. सिलक्यारा टनल साइट पर नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो गया है. जल्द ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है. राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है, जो काफी स्पीड में काम करेगी. राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है. इसके साथ वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही.
पाइप मिशन हुआ फेलः
इससे पहले पाइप के जरिये मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया गया. रेस्क्यू टीम ने 14 नवंबर को स्टील पाइप के जरिए मजदूरों को निकालने की प्रोसेस शुरू की. इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन और हाइड्रोलिक जैक की मदद से 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप टनल के अंदर डालने की कोशिश की गई. हालांकि इसमें सफलता नहीं मिली.
कच्चा हिस्सा होने के कारण धंसाः
NDRF के असिस्टेंट कमांडर करमवीर सिंह ने बताया- साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी इस टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था. उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ.