VIDEO: ऑर्गेनाइज्ड क्राइम के विरुद्ध विशेष अभियान, DGP राजीव शर्मा बरत रहे सख्ती, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: डीजीपी राजीव शर्मा कोटा पुलिस रेंज की समीक्षा बैठक लेंगे, कोटा में होने वाली इस बैठक में पूरी रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगे.

राजस्थान पुलिस के महानिदेशक  राजीव शर्मा ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से रेंज स्तरीय समीक्षा बैठकों का विशेष अभियान शुरू किया है. लंबे समय के बाद किसी डीजीपी द्वारा इस तरह से फील्ड में जाकर रेंज स्तर पर सीधे समीक्षा करने की पहल की गई है, जिसे पुलिस महकमे में एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम माना जा रहा है. इस अभियान के तहत अब तक भरतपुर, जोधपुर और उदयपुर रेंज की समीक्षा बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जबकि आगामी 18 अगस्त को कोटा रेंज की समीक्षा बैठक प्रस्तावित है.

डीजीपी राजीव शर्मा ने जोधपुर और उदयपुर रेंज की समीक्षा बैठकें सीमावर्ती जिलों डूंगरपुर और बाड़मेर में आयोजित कर यह स्पष्ट संकेत दिया कि सीमा से जुड़े जिलों में कानून-व्यवस्था, तस्करी, नशे और संगठित अपराध पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी. इन बैठकों में रेंज के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए. बैठक के दौरान डीजीपी ने जिलेवार अपराध की स्थिति, लंबित मामलों, गंभीर अपराधों की जांच की प्रगति और कानून-व्यवस्था से जुड़े संवेदनशील बिंदुओं की विस्तार से समीक्षा की.

समीक्षा बैठकों का मुख्य फोकस अपराध नियंत्रण, प्रो-एक्टिव पुलिसिंग और नशे पर प्रभावी नियंत्रण रहा. डीजीपी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अपराध होने के बाद कार्रवाई करने की बजाय अपराध की संभावना को पहले ही पहचान कर उसे रोकने की रणनीति अपनाई जाए. उन्होंने कहा कि बीट सिस्टम को मजबूत करना, स्थानीय खुफिया तंत्र को सक्रिय करना और आमजन से संवाद बढ़ाना प्रो-एक्टिव पुलिसिंग की बुनियाद है. इसके साथ ही थानों की नियमित मॉनिटरिंग, रात्रि गश्त और संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने पर भी जोर दिया गया.

नशे के खिलाफ अभियान को लेकर डीजीपी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी, बिक्री और सेवन पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए. सीमावर्ती इलाकों में अंतरराज्यीय तस्करी की संभावनाओं को देखते हुए विशेष निगरानी रखने, संयुक्त कार्रवाई करने और तस्करी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के निर्देश दिए गए. उन्होंने यह भी कहा कि नशे के खिलाफ केवल पुलिस कार्रवाई ही नहीं, बल्कि समाज की भागीदारी भी जरूरी है, इसके लिए जन-जागरूकता अभियानों को और प्रभावी बनाया जाए.

डीजीपी राजीव शर्मा ने अधिकारियों से लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण, चार्जशीट समय पर दाखिल करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में संवेदनशीलता बरतने को कहा. महिला अपराध, साइबर अपराध और संगठित अपराधों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए. उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस का व्यवहार जनता के प्रति मित्रवत और भरोसेमंद होना चाहिए, ताकि आमजन बिना झिझक पुलिस से सहयोग कर सके.

अब आगामी 18 अगस्त को कोटा रेंज की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी. इस बैठक में कोटा रेंज के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे. बैठक में अपराध की वर्तमान स्थिति, आगामी रणनीति और विशेष अभियानों की समीक्षा की जाएगी. माना जा रहा है कि डीजीपी का यह रेंज समीक्षा अभियान न केवल पुलिसिंग को जमीनी स्तर पर मजबूत करेगा, बल्कि अधिकारियों में जिम्मेदारी और जवाबदेही की भावना भी बढ़ाएगा.