जयपुरः पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा की पहल का शनिवार शाम बड़ा असर देखने को मिला. उनके निर्देश पर पूरे राजस्थान में एक साथ शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक विशेष पुलिस गश्त अभियान संचालित किया गया. इस दौरान पुलिस की सक्रियता और उपस्थिति ने प्रदेशवासियों में सुरक्षा की भावना मजबूत की, वहीं अपराधियों के लिए सख्त संदेश भी दिया.
इस गश्त की सबसे बड़ी विशेषता रही कि इसमें केवल थाना स्तर के अधिकारियों ने ही नहीं, बल्कि उच्च पुलिस अधिकारियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई. SHO से लेकर एसपी, आईजी और यहां तक कि पुलिस कमिश्नर स्तर तक के अधिकारी स्वयं सड़कों पर उतरे. कई स्थानों पर अधिकारी पैदल गश्त करते भी नजर आए. इस दौरान थाना क्षेत्रवार टीमों ने भीड़भाड़, संवेदनशील चौक-चौराहों, बाजार क्षेत्रों एवं हाईवे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.डीजीपी राजीव शर्मा द्वारा निर्देशित यह अभियान ‘प्रो एक्टिव पुलिसिंग’ को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रभावी कदम माना जा रहा है. प्रदेशभर में पुलिस की गश्त को लेकर आमजन में यह संदेश गया कि पुलिस हर समय उनके साथ खड़ी है. साथ ही, रात 9 बजे तक सड़क पर रहने वाले अधिकारियों की मौजूदगी ने पुलिस की कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव का संकेत भी दिया.गश्त के दौरान यातायात नियंत्रण, संदिग्ध व्यक्तियों की जांच, आवारा वाहनों की निगरानी और भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया गया. कई जिलों में पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय नागरिकों से वार्ता भी की और उन्हें सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के सुझाव देने के लिए प्रेरित किया.
आमजन ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जब आईपीएस अधिकारी स्वयं गश्त पर निकलते हैं तो इससे पूरे पुलिस बल में मनोबल बढ़ता है और कार्यशैली में अनुशासन आता है. अधिकारियों की सक्रिय मैदान उपस्थिति ने पुलिस के ‘इकबाल’ यानी प्रभाव और विश्वास को मजबूत किया.विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसे गश्त अभियान नियमित अंतराल पर किए जाएं तो अपराधों की रोकथाम में बड़ी सफलता मिलेगी. इस अभियान ने यह भी साबित किया कि जब नेतृत्व दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे आता है, तो उसका असर जमीनी स्तर तक स्पष्ट दिखाई देता हैडीजीपी राजीव शर्मा की इस पहल ने पुलिसिंग के एक नए मॉडल का संकेत दिया है, जो केवल प्रतिक्रिया आधारित नहीं बल्कि ‘प्रो एक्टिव, प्रेज़ेन्स बेस्ड’ है. इससे न सिर्फ कानून-व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ेगा.