VIDEO: आत्महत्याओं पर लगेगी लगाम ! केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन बनेगी मददगार, देखिए ये खास रिपोर्ट

कोटा: कोचिंगसिटी कोटा में स्टूडेन्ट्स की आत्हत्याओं के लगातार सामने आ रहे मामलों की पडताल के लिये केन्द्र-राज्य सरकारों के अलावा स्थानीय प्रशासन की कोचिंग गाइडलाइन कागजी साबित हो रही हैं तो वहीं हॉस्टल्स में जाकर विद्दार्थियों के साथ चाय-कॉफी पर चर्चा भी दिखावे के कार्यक्रम ही प्रतीत हो रहे हैं. ऐसे में अब इन मामलों की रोकथाम के लिये प्रशासन ने हर कोचिंग हॉस्टल में गेटकीपर ट्रेनिंग और हर रुम में छत पंखे में एन्टी हैंगिंग डिवाइस अनिवार्य कर दिया है. तो वहीं तनाव और डिप्रेशन के दौर में चल रहे स्टूडेन्ट्स की पङताल के लिए कोचिंगसिटी में ब्रेन मैपिंग जैसी विधा को काम में लिए जाने पर भी प्रजेन्टेशन हो रहे हैं. 

कोटा शहर पुलिस अगर थोङी सी भी देर कर देती तो शहर के पेइंग गेस्ट हाउस में रह रहा एक नाबालिग कोचिंग छात्र अनहोनी कर बैठता. सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि रेस्क्यू किया गया स्टूडेन्ट डिप्रेशन से जूझ रहे स्टूडेन्ट्स के ग्रुप का हिस्सा था और उसके एक साथी स्टूडेन्ट द्वारा वाराणसी में आत्महत्या करने के बाद मृतक छात्र के मोबाइल फोन में इस छात्र द्वारा लिखी कुछ पक्तिंयों से उसके अवसादग्रस्त होने की सूचना मिली थी. इनपुट मिलते ही आनन-फानन में करीब 250 पुलिसकर्मियों-अधिकारियों की टीम ने आधे-पौन घंटे में पूरा ऑपरेशन चलाकर पीजी की पहचान की और जैसे-तैसे रुम का गेट खुलवाकर नाबालिग छात्र को सकुशल बचा लिया. परिजन सूचना मिलते ही तुरंत कोटा आये और स्टूडेन्ट को लेकर चले गये लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि यहां हजारों छात्रों की भीङ में डिप्रेशन के शिकार दर्जनों स्टूडेन्ट्स में से सब इतने लकी नहीं होते और करियर बनाने की राह में ही खुद को मिटा बैठते हैं. 

इस बीच स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने अब हर कोचिंग हॉस्टल में गेटकीपर ट्रेनिंग को अनिवार्य करने का प्रावधान करके व्यापक ट्रेनिंग सेशन शुरु किये हैं,ताकि स्टूडेन्ट्स के व्यवहार और शारीरिक भाषा से उन पर निगाह रखी जा सके तो वहीं आज के कोचिंग स्टूडेन्ट सुसाईड को रोकने के बाद कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने डिप्रेशन-तनावग्रस्त स्टूडेन्ट्स की पहचान के लिये ब्रेन मैपिंग जैसी विधा को प्रयोग किये जाने की भी कवायद शुरु किये जाने की बात कही हैं.

बहरहाल कोटा में साल 2024 के दूसरे महिने तक ही 3 सुसाईड हो चुके हैं और बिते साल का आधिकारिक आंकङा 29 कोचिंग स्टूडेन्ट्स के मौत को गले लगा लेने का हैं. कोटा में स्थानीय प्रशासन द्वारा लागू की गयी गाइडलाइन तो बहुत पहले ही कागजी साबित हो चुकी लेकिन अब केन्द्र सरकार की नयी गाइडलाइन भी आ गयी हैं. इस बीच सुसाईड रोकथाम की दिशा में शुरु हुयी इन समन्वित कोशिशों और तकनीकी नवाचारों से भी उम्मीदें हैं ताकि उस केमिकल लोचा को पकङा जा सके,जो किसी स्टूडेन्ट के दिलों-दिमाग में एक बार घर कर लेने के बाद उसे मानसिक बीमार बनाकर तोङ देता हैं और परिणिति स्वयं अपने हाथों से अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेने जैसे घातक परिणामों के रुप में सामने आती हैं और उस वक्त ना उसे कई मदद मिल पाती हैं और ना हर बार स्टूडेन्ट का सुसाईड से ऐन पहले रेस्कयू ही हो पाता हैं.

...फर्स्ट इंडिया के लिए भंवर एस.चारण की रिपोर्ट, कोटा