Telangana: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुनवाई 10 अप्रैल तक टाली

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तेलंगाना सरकार की उस याचिका पर सुनवाई 10 अप्रैल तक टाल दी जिसमें राज्य की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन को उन 10 विधेयकों को मंजूरी देने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है जो विधानसभा से पारित हो चुके हैं लेकिन राजभवन से मंजूरी नहीं मिली है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ से कहा कि इस मुद्दे पर उनकी राज्यपाल से कुछ चर्चा हुई है तथा सुनवाई की अगली तारीख पर वह एक बयान देंगे.

पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल, आप राज्यपाल के साथ बात कर सकते हैं और सुनवाई की अगली तारीख पर बयान दे सकते हैं. मामले को 10 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध करें. तेलंगाना सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि मध्य प्रदेश में राज्यपाल सात दिन के भीतर विधेयकों को मंजूरी दे देते हैं जबकि गुजरात में एक महीने के भीतर विधेयकों को मंजूरी दे दी जाती है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना में देरी क्यों हो रही है. मैं सॉलिसिटर जनरल के हस्तक्षेप की मांग करता हूं और वह राज्यपाल को सलाह दे सकते हैं. यह सब करने का क्या मतलब है? अदालत इस बात पर जोर क्यों नहीं दे सकती कि राज्यपाल विधेयकों को इस तरह नहीं लटका सकते. उन्होंने कहा कि कोई संपर्क संदेश नहीं है. संविधान पीठ के दो फैसले हैं जो कहते हैं कि राज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सलाह का पालन करना होगा. इससे गलत संदेश जाता है. मेहता ने कहा कि संपर्क संदेश है लेकिन वह इसके बारे में विस्तार से नहीं बताना चाहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं और निर्देश लूंगा तथा सुनवाई की अगली तारीख पर बयान दूंगा.’’

दवे ने कहा कि इसे आदेश में दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि राज्य के लोग इन विधेयकों के पारित होने का इंतजार कर रहे हैं. पीठ ने, हालांकि, आदेश में कुछ भी दर्ज नहीं किया और मामले को 10 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था. इसने स्पष्ट किया था कि अदालत राज्यपाल के कार्यालय को नोटिस जारी नहीं करेगी, लेकिन राज्य सरकार की याचिका पर भारत संघ का जवाब देखना चाहेगी. राज्य सरकार ने कहा कि तेलंगाना नगर निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2022, तेलंगाना सार्वजनिक रोजगार (सेवानिवृत्ति की आयु का विनियमन) संशोधन विधेयक, 2022 और तेलंगाना विश्वविद्यालय सामान्य भर्ती बोर्ड विधेयक, 2022 सहित विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयक राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं. तमिलनाडु में भाजपा की प्रमुख रहीं सौंदरराजन का तेलंगाना में बीआरएस सरकार के साथ टकराव चल रहा है. सोर्स- भाषा