नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कन्नड़ सुपरहिट फिल्म ‘कंतारा’ के निर्माता और निर्देशक को कॉपीराइट उल्लंघन मामले में अंतिम आदेश आने तक ‘वराहरूपम’ गाने के साथ फिल्म प्रदर्शित न करने का निर्देश देने वाली केरल उच्च न्यायालय की शर्त पर रोक लगा दी. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने केरल सरकार को भी नोटिस जारी किया और दो सप्ताह में इसका जवाब मांगा.
पीठ ने उच्च न्यायालय की शर्तों में से एक को संशोधित किया और निर्देश दिया कि निर्माता विजय किरगंदूर और निर्देशक ऋषभ शेट्टी को गिरफ्तार किए जाने की स्थिति में तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए. शीर्ष अदालत ने किरगंदूर और शेट्टी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार की दलीलों का संज्ञान लिया, जिसमें उच्च न्यायालय के आदेश में कुछ शर्तों को चुनौती दी गई थी और एक अंतरिम आदेश पारित किया. उच्च न्यायालय ने आठ फरवरी को गाने में साहित्यिक चोरी का आरोप लगाते हुए कोझिकोड पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में निर्देशक और निर्माता को अग्रिम जमानत दे दी थी. उनके खिलाफ आरोप यह था कि ‘वराहरूपम’ मलयालम संगीत चैनल कप्पा टीवी पर दिखाए जाने वाले ‘नवरसम’ गीत की एक अनधिकृत प्रति थी. उच्च न्यायालय ने पांच शर्तें रखीं और किरगंदूर एवं शेट्टी को पूछताछ के लिए 12 और 13 फरवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा.
उच्च न्यायालय ने कहा था कि जांच अधिकारी उनसे पूछताछ कर सकते हैं और उपरोक्त निर्दिष्ट समय के भीतर पूछताछ पूरी होने पर, यदि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, तो उन्हें न्यायिक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. इस तरह की पेशी पर, न्यायिक अदालत याचिकाकर्ताओं को 50-50 हजार रुपये के जमानती बॉण्ड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों के साथ जमानत पर रिहा कर देगी. इसमें कहा गया है कि आरोपी गवाहों को डराएंगे नहीं या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे तथा वे जांच में सहयोग करेंगे एवं मुकदमे के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे. इसने यह भी कहा कि आरोपी/ याचिकाकर्ताओं को न्यायिक अदालत की पूर्व अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ना होगा. शर्त नंबर पांच, जिस पर शीर्ष अदालत ने रोक लगा दी है, उसमें कहा गया है, ‘‘आगे की विशिष्ट शर्त यह है कि याचिकाकर्ता फिल्म 'कंतारा' को फिल्म के संगीत 'वराहरूपम' के साथ तब तक प्रदर्शित नहीं करेंगे जब तक कि कोई अंतरिम आदेश या अंतिम आदेश नहीं दिया जाता. इस मामले में कॉपीराइट का उल्लंघन एक सक्षम दीवानी अदालत द्वारा पारित किया जाएगा . सोर्स- भाषा