जयपुर: राजस्थान रोडवेज में लंबे समय के बाद हो रही नई बसों की खरीद प्रक्रिया खटाई में पड़ गई है. राजस्थान रोडवेज के चेयरमैन आनंद कुमार ने नई बसों की खरीद के लिए जारी टेंडर निरस्त कर दिए है. राजस्थान रोडवेज में लंबे समय के बाद हो रही नई बसों की खरीद प्रक्रिया निरस्त हो गई है. बसों की कीमत अनुमानित कीमत से अधिक आने के बाद राजस्थान रोडवेज के चेयरमैन आनंद कुमार ने टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं. नई बसों की खरीद के लिए जारी टेंडर निरस्त होने के बाद नई बसों की खरीद अब पूरी तरह से खटाई में पड़ गई है.
राजस्थान रोडवेज में कई वर्षों के अंतराल के बाद नई बसों की खरीद की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही थी. राजस्थान रोडवेज को विभिन्न तरह की श्रेणियों की कुल 590 बसों की खरीद करनी थी जिसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए थे, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्दी रोडवेज प्रबंधन नई बसों की खरीद के लिए वर्क आर्डर जारी करने वाला है लेकिन उससे पहले ही रोडवेज के चेयरमैन पूरी टेंडर प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है. तैयार 590 नई बसों की टेंडर प्रक्रिया निरस्त होने के बाद अब मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नई बसों की खरीद होना बहुत मुश्किल लग रहा है क्योंकि फिर से टेंडर जारी करने की तैयारी में काफी समय लग सकता है और प्रदेश में बहुत जल्द विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं ऐसे में यह माना जा रहा है कि राजस्थान रोडवेज में नई बसों की खरीद अब इस सरकार में नहीं हो पाएगी.
नई बसों के टेंडर निरस्त करने के कारण:
-रोडवेज का अनुमान था 18 लाख में आएगी एक एक्सप्रेस बस जबकि 22.88 लाख का दिया बस निर्माता कंपनियों ने प्रस्ताव
-स्टार लाइन बस में 21 लाख प्रति बस के लिए था अनुमान जबकि कंपनियों ने 24.83 लाख रुपए का दिया प्रस्ताव
-नॉन एसी स्लीपर के लिए 22 लाख की लागत का था अनुमान जबकि बस कंपनियों ने 25.68 लाख रुपए प्रति बस का प्रस्ताव दिया
-रोडवेज का अनुमान था 114.70 करोड़ में हो जाएगी बस खरीद लेकिन बस निर्माता कंपनियों का प्रस्ताव हुआ 140.69 करोड़ रुपए
-इस तरह 26 करोड़ अधिक लागत आने पर टेंडर निरस्त कर दिए गए
राजस्थान रोडवेज में नई बसों की खरीद प्रक्रिया का टेंडर निरस्त होने का सबसे अधिक नुकसान प्रदेश के यात्रियों को उठाना पड़ेगा. क्योंकि राजस्थान रोडवेज इस समय बसों के बड़े संकट से जूझ रहा है. बसों की कमी का आलम यह है कि ग्रामीण इलाकों के अलावा कई शहरी मार्गों पर भी रोडवेज की बसें यात्रियों को उपलब्ध नहीं हो रही हैं, ऐसे में यह माना जा रहा था कि 590 नई बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल होने से यात्रियों को आसानी से बसों की सुविधा मिल सकेगी. लेकिन यह टेंडर प्रक्रिया निरस्त होने के बाद यात्रियों को रोडवेज बसों की किल्लत की परेशानी को अभी और झेलना पड़ेगा.
राजस्थान रोडवेज में बसों की टेंडर प्रक्रिया निरस्त होने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इसी सरकार के कार्यकाल में इलेक्ट्रिक बसों के टेंडर को विवादों के बाद निरस्त किया गया था ऐसे में यही माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी नई बसों की खरीद करना राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों के लिए आसान नहीं रहेगा, हालांकि रोडवेज के अधिकारी ये दावा कर रहे हैं कि इस टेंडर प्रक्रिया के निरस्त होने के बाद नई टेंडर प्रक्रिया को जल्द ही तैयार किया जाएगा लेकिन प्रदेश में आगामी समय में विधानसभा चुनावों को देखते हुए इन दावों पर यकीन करना मुश्किल लगता है.