जयपुर: राजस्थान विधानसभा ने विभिन्न विभागों को लेकर बकाया प्रश्नों के जवाबों को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है.विधानसभा सचिवालय को तकरीबन 95 फीसदी जवाब अलग अलग महकमों से मिल चुके है.विधानसभा के जरिए विधायकों ने बीते सत्रों में तारांकित और अतारंकित मिलाकर 2064 सवाल पूछे थे. इनमे से 1894 सवालों के जवाब मिल गए, 170 प्रश्न ही लंबित रहे.लंबे समय से सवाल पेंडिंग चल रहे थे.स्पीकर देवनानी ने इस बारे में सख्ती जताई थी.
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने बीते सत्र के दौरान ही भांप लिया था कि प्रश्नों के उत्तर देने में ब्यूरोक्रेसी लेट लतीफी बरत रही है और विधानसभा की गरिमा प्रभावित हो रही.फिर क्या उन्होंने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और मुख्य सचिव सुधांशु पंत से विचार विमर्श किया.विभिन्न महकमों के प्रमुख सचिवों की बैठक बुलाई और विधानसभा की विभिन्न समितियों के उठाए गए मुद्दों और सदन में पूछे गए सवालों,प्रस्तावों पर सरकारी महकमों के तय समय पर जवाब नही देने पर सख्ती दिखाई.
हाल ही में विधानसभा में आश्वासन संबंधी समिति की एक बैठक हुई थी. इसमें बैठक में विधायक जितेंद्र गोठवाल ने कहा था कि प्रदेश की 6 करोड़ जनता का श्रद्धा का केंद्र है विधानसभा ,विधायकों के सवालों का जवाब नहीं देना सदन की गरिमा के खिलाफ सदन के लंबित सवालों को जवाब नहीं देने पर समिति की ओर से विधानसभा अध्यक्ष से लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई.बहरहाल विधानसभा सत्र की निकटता के मद्देनजर सरकारी महकमों ने चुस्ती और सक्रियता बरती और 95 फीसदी से अधिक बकाया सवालों के जवाब विधानसभा सचिवालय को भिजवा दिए.
कुल प्रेषित प्रश्नों की संख्या - 2064:
-1 जुलाई तक बकाया प्रश्नों के उत्तर केवल 170
-ध्यानाकर्षण प्रस्ताव 131 की संख्या 142
-142 में से केवल 20 के ही जवाब शेष
-विशेष उल्लेख के प्रस्ताव 295 की संख्या 59
-59 प्रस्तावों में से 49 के जवाब विधानसभा को प्राप्त हो गए
-स्पीकर देवनानी की सक्रियता का असर साफतौर पर दिखा
नवाचारों के मद्देनजर स्पीकर देवनानी कई काम हाथ में ले चुके है मगर जरूरी था विधायकों के लंबित सवालों के जवाब दिलवाना.इस बारे में उन्होंने सक्रियता दिखाई और प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत का महत्व ब्यूरोक्रेसी को बताया.