बीकानेर: बीकानेर में तीन दिवसीय 33वें इंटरनेशनल कैमल फेस्टिवल की शुरुआत हैरिटेज वॉक से हुई. इस उत्सव में बीकानेर की सतरंगी संस्कृति साकार हुई, जिसमें रोबीलों का अनोखा अंदाज़, लोक संगीत की स्वर लहरिया ,2025 फीट की पगड़ी, बीकानेरी जायका और पारंपरिक राजस्थानी परिधान खास आकर्षण रहे. हालांकि विदेशी सैलानियों की संख्या कम रही, जो आए उन्होंने इसे “फैबुलस” करार दिया. 33वें इंटरनेशनल कैमल फ़ेस्टिवल का आग़ाज़ हेरिटेज वॉक से आगाज़ हुआ. इस बार कार्यक्रम में थोड़ी सी तब्दीली थी औपचारिक शुरुआत हुई साथ ही ब्यूरोक्रेटस के भाषण भी हुए लेकिन देशी विदेशी सैलानी तो इन सबसे अलग राजस्थानी रंगों में डूबे नज़र आए.
राजस्थानी वेशभूषा का आकर्षण:
2025 फीट लंबे साफ़े का भी ख़ासा आकर्षण. रावण हत्थे पर लोक कलाकार की स्वर लहरिया, चंग पर हो थाप. रोबीलो का मनमोहक अंदाज़ और राजस्थानी वेशभूषा का आकर्षण देखते ही बन रहा था. साथ ही बीकानेर के लोग गुनगुनाते दिखे शहर बीकानो माहरो देख, वहीं विदेशी सैलानी बोले इट्स ˈfabulous. लक्ष्मीनाथ मंदिर से शुरू हुई हैरिटेज वॉक निगम ने इस बार हैरिटेज वॉक के रूठ को थोड़ा बदला. हेरिटेज वॉक में देशी विदेशी शराब के साथ पर्यटन विभाग और प्रशासन के अधिकारी भी क़दमताल करते दिखे इस दौरान बीकानेर के स्थानीय बाशिंदों ने जगह जगह स्वागत सत्कार किया.
महिलाएँ लोक गीत गाती नज़र आयी:
साथ ही साथ हैरिटेज वॉक के दौरान बीकानेरी जायके जैसे भुजिया नमकीन की लाइव मेकिंग ख़ासा आकर्षण रही. देशी विदेशी सैलानी जायके को चखने कुछ को आतुर दिखे यहाँ तक कि जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने भी पाक कला पर हाथ आजमाया और ना केवल भुजिया बनायी उसी चखी भी. इस दौरान SP कावेंद्र सिंहसागर भी साथ रहे. हेरिटेज वॉक के दौरान भांग प्रेमी भांग घोटते भी दिखे. जगह जगह महिलाएँ लोक गीत गाती नज़र आयी और इस तरह से हेरिटेज वॉक ख़ासी चहल पहल वाली रही कच्ची घोड़ी नृत्य करते कलाकार और लोकगीत गाते लोग माहौल में चार चाँद लगा रहे थे. कलक्टर और SP भी कैमल फेस्टिवल को लेकर उत्साहित नजर आए.
धोरों पर धमाल का फुल डोज:
लक्ष्मी मंदिर से शुरू हुई हेरिटेज वॉक हवेलियों के बीच पहुँच कर ख़त्म हुई हज़ार हवेलियों के शहर वाले बीकानेर की हवेलियां बीकानेर की शानदार स्थापत्य कला की गाथा कह रही थी. मानों बता रही थी आज भी इनकी ख़ूबसूरती नक़्क़ाशी देखते ही बनती थी. देसी विदेशी सैलानी हवेलियों को अपने मोबाइल में क़ैद करने को आतुर दिखे तंग गलियों के बावजूद कैमल फ़ेस्टिवल है तो कैमल तो होना ही था. शाम ढले सांस्कृतिक संध्या सजी, मेहंदी और रंगोली कॉम्पिटिशन भी हुआ.शनिवार को कैमल डांस, फर कटिंग, कैमल रेस सहित कई कार्यक्रम आयोजित होंगे मतलब होगा धोरों पर धमाल का फुल डोज.