राजनाथ सिंह बोले- राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ की कोई जरूरत नहीं

यमुनानगर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘नफरत के बाजार’’ संबंधी टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि उनकी तथाकथित ‘‘मोहब्बत की दुकान’’ की कोई जरूरत नहीं है. केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने के मौके पर रक्षा मंत्री ने ‘‘गौरवशाली भारत’’ रैली को संबोधित करते हुए कहा की प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है.

उन्होंने कहा कि अनेक योजनाएं जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी,उन्हें प्रधानमंत्री ने पेश किया है. रक्षा मंत्री ने कहा,‘‘ लेकिन हमारे कांग्रेस के लोगों के साथ क्या हो रहा है? उनके एक नेता और वे नेताजी- जहां भी वह जाते हैं वह कहते हैं ‘नफरत का बाजार’ है और वह वहां ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने आए हैं. सिंह ने हालांकि गांधी का नाम नहीं लिया लेकिन वह विपक्षी नेता के बयान को लेकर उन पर कटाक्ष कर रहे थे. खासतौर पर अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर नफरत फैलाने का अरोप लगाया और कहा कि वह ‘नफरत के बाजार’ में ‘‘मोहब्बत की दुकान’’ खोलना चाहते हैं. रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि क्या हरियाणा में कोई नफरत का बाजार है?’’ उन्होंने यह भी कहा कांग्रेस नेता की मोहब्बत की दुकान के लिए कोई गुंजाइश नहीं है

राजनाथ सिंह ने प्रश्न किया कि नफरत कहां है?
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों से बोलता था तो लोग उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते थे क्योंकि वे इसे ‘‘कमजोर’’ देश और गरीबों का देश समझते थे लेकिन आज जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलता है तो लोग उसे सुनते हैं. उन्होंने भाजपा की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जो भी वादे किए थे उन्हें पूरा किया है. उन्होंने प्रश्न किया कि शौचालयों के निर्माण में प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों की जाति और धर्म पर विचार किया था क्या? सिंह ने पूछा,‘‘ किसी के साथ कोई भेदभाव हुआ क्या? रक्षा मंत्री ने इसी प्रकार किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को धन देने के बारे में भी यही बात कही . उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा,‘‘ वे हताशा के कारण और लोगों को गुमराह करने के लिए अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं. सोर्स- भाषा