JLF 2023: हर पार्टी में थोड़ी बहुत गुटबंदी है, लेकिन हमें व्यापक फलक पर देखना होगा- Shashi Tharoor

JLF 2023: हर पार्टी में थोड़ी बहुत गुटबंदी है, लेकिन हमें व्यापक फलक पर देखना होगा- Shashi Tharoor

जयपुर: हर राजनीतिक पार्टी में थोड़ी बहुत गुटबाजी होने की बात करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शनिवार को यहां कहा कि नेताओं को व्यापक फलक पर देखने के साथ ही सामूहिक लक्ष्यों पर ध्यान देना चाहिए.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी सत्ता संघर्ष के बीच थरूर की यह टिप्पणी आई है. थरूर ने यहां जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से इतर बातचीत में कहा कि क्या भारत में कोई ऐसी अखंड राजनीतिक पार्टी है? क्या भाजपा : भारतीय जनता पार्टी : के भीतर वैचारिक मतभेद नहीं हैं? एक लोकतंत्र में, दो लोगों के भिन्न भिन्न विचार हो सकते हैं, लेकिन यदि आपकी विचारधारा एक है और समान हित के लिए आप लड़ रहे हैं तो पार्टी जो कहती है, वही होता है. उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है कि हर पार्टी में कुछ छोटे गुट होते हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि हम सभी भाजपा के खिलाफ हैं. बड़े मुद्दों की तुलना में ये बहुत छोटी चीजें हैं.” पायलट ने शुक्रवार को गहलोत पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि बुजुर्गों को युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए और युवाओं को न्याय मिलना चाहिए.

पार्टी के लिए काम करने का फैसला किया:
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा था कि अर्डर्न को आठ साल पहले शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी घटती सार्वजनिक स्वीकृति के कारण पद छोड़ दिया और इसके बजाय अपनी पार्टी के लिए काम करने का फैसला किया. इससे पहले, एक वीडियो सामने आया था जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री कथित तौर पर कह रहे हैं कि महामारी के बाद पार्टी में "बड़ा कोरोना" घुस गया है.माना जा रहा है कि गहलोत ने कथित तौर पर पायलट की तुलना कोरोना वायरस से की थी.

मैं कीचड़ में पैर डालने से बचना बेहतर समझता:
नेताओं द्वारा एक -दूसरे पर इस प्रकार की छींटाकशी के इतिहास के बारे में एक सवाल के जवाब में थरूर ने अपने सहयोगियों को अपने शब्दों में सावधानी बरतने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जब हम अपने सहयोगियों के बारे में बात करते हैं तो हमें अपने शब्दों को सोच समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए . मुझे इस बात का गर्व है कि 14 साल के अपने राजनीतिक जीवन में मैंने कभी किसी के लिए इस प्रकार का कोई शब्द नहीं बोला. एक दो बार, मैंने इतना कहा कि मैं कीचड़ में पैर डालने से बचना बेहतर समझता हूं. उन्होंने कहा कि इसीलिए, मेरी अपने सहयोगियों से अपील है कि अपने भाइयों और बहनों के बारे में इस प्रकार की बातें करना ठीक नहीं है. निश्चित रूप से वे अलग तरीके से अपनी बात कह सकते हैं और निजी तौर पर बहुत कुछ कह सकते हैं.

सब फालतू की बातें अब आप नहीं कर सकते:
तिरूअंनतपुरम से सांसद थरूर ने 'भारत जोड़ो यात्रा ' पर भी टिप्पणी की और कहा कि इसने 'राहुल गांधी की छवि को पुन: स्थापित किया है.' उन्होंने कहा, ' पूरा पप्पू कारोबार तीन आरोपों पर चल रहा था, पहला कि वह एक दिन धरने की घोषणा करेंगे और अगले दिन विदेश भाग जाएंगे. यहां अब वह पूरी मजबूती के साथ डटे हुए हैं और 160 दिन से लगातार चल रहे हैं. वही सब फालतू की बातें अब आप नहीं कर सकते.' थरूर ने कहा, ' दूसरा आरोप यह था कि वह घमंडी, फन्नेखां किस्म के इंसान हैं, उन तक पहुंच पाना मुश्किल है और वह किसी से मिलते जुलते नहीं हैं.

जो यात्रा के द्वारा पूरी तरह बदल चुका:
 सभी किस्म के लोग, सभी वर्गों के लोग अब उन तक पहुंचे हैं . वे उनसे बातें करते हैं, उनका हाथ पकड़ते हैं और उनके साथ चलते हैं . कांग्रेस नेता ने कहा कि तीसरा आरोप यह था कि वह गंभीर किस्म के राजनीतिज्ञ नहीं हैं, अब देखिए, उन्होंने दर्जनों प्रेस कांफ्रेंस की, प्रधानमंत्री ने कितनी प्रेस कांफ्रेंस कीं? राहुल गांधी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप हवा में बिखर गए हैं . अब वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो यात्रा के द्वारा पूरी तरह बदल चुका है. सोर्स-भाषा