ये वही लोग जिन्होंने ऑटो पायलट मोड पर सरकार चलाई, कुछ करने-धरने में नहीं रखते विश्वास, पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना

नई दिल्लीः राज्यसभा में आज पीएम मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे है. मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि  देश देख रहा है. सत्य से मुकाबला करने के लिए इनके पास हौसले नहीं है. उनके द्वारा उठाए सवालों की सुनने की हिम्मत नहीं है. नारेबाजी, हो हल्ला और मैदान छोड़कर भागना नसीब में लिखा है. देश की जनता को पल-पल का हिसाब देना कर्तव्य मानता हूं. 12 लाख करोड़ की सब्सिडी दी. MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की. धान और गेहूं पर ढाई गुना अधिक पैसा पहुंचाया है. अन्न भंडारण का सबसे बड़ा अभियान चला रहे हैं. जिनको पूछा नहीं गया, उनको हमने पूजा है. 

महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार में विपक्ष का सिलेक्टिव रवैया रहा है. मैं किसी राज्य के खिलाफ नहीं बोल रहा हूं. कुछ समय पहले मैंने बंगाल से आई तस्वीरें देखी थी. महिला को सरेआम पीटा जा रहा, बहन चीख रही है. लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आ रहा है. तस्वीरें रोंगटे खड़े करने वाली है. बड़े-बड़े दिग्गजों के शब्दों में भी पीड़ा नहीं झलक रही है. इससे बड़ी शर्मिंदगी की बात क्या हो सकती है. बहुत बड़ी प्रगतिशील नारी नेता मानने वालों के मुंह पर भी ताले है, देश के साथ हमारी माता-बहनों को ज्यादा पीड़ा होती है. 

कांग्रेस की SC-ST,OBC विरोधी मानसिकताः
खड़गे जी उनकी पार्टी की बड़ी सेवा की है. इन्होंने पराजय का ठीकरा जिनपर फूटना चाहिए था उनको बचा लिया. और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए. लोकसभा स्पीकर में दलित की बलि चढ़ाई. पराजय होने वाली है पता है फिर भी दलित को आगे किया है. दलित मरे, उनका कुछ नहीं जाता है. कांग्रेस की SC-ST,OBC विरोधी मानसिकता है. जिसके कारण रामनाथ कोविंद जी का अपमान करते थे. देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान किया है. 

मोदी ने 1977 का चुनाव दिलाया यादः 
क्या ये लोग 1977 का चुनाव भूल गए. 1977 में लोगों ने लोकतंत्र के लिए वोट किया. और लोगों ने सरकार को उखाड़ फेंक दिया. संविधान की रक्षा के लिए लोगों ने हमें योग्य पाया है. इमरजेंसी के दौरान संविधान पर बुलडोजर चला दिया. कौनसा संविधान था जिससे 7 साल तक सत्ता का मौज लिया. संविधान की आत्मा को छिन्न करने का काम इन्होंने किया. आपके मुंह से संविधान की रक्षा शब्द शोभा नहीं देता. 

नेता प्रतिपक्ष ने भारतीय संविधान को दिखाई पीठः
विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. इस पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को बेरोकटोक बोलने का मौका दिया गया. उन्होंने मुझे नहीं, भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है. भारत के संविधान की इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती. भारत के संविधान इतना बड़ा मजाक, अपमान किया गया. विपक्ष के इस कृत्य की भर्त्सना करता हूं. 

राष्ट्रपति का अभिभाषण देश के लिए प्रेरणा है. पिछले दो दिन में इस चर्चा में करीब 70 सांसदों ने विचार रखे. चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए सभी सांसदों का आभार है. तीसरी बार देश ने सेवा करने का मौका दिया है. कुछ लोग जान बूझकर उससे मुंह फेरकर बैठे हैं. गत दो दिन से देख रहा हूं दबे मन से वो हमारी विजय स्वीकार कर रहे है. 

जनता ने प्रोपेगेंडा को परास्त कियाः
इस चुनाव में जनता ने प्रोपेगेंडा को परास्त किया है. देश की जनता ने परफॉर्मेंस को प्राथमिकता दी है. भरोसे की राजनीति पर जनता ने मुहर लगाई है. बाबासाहेब अंबेडकर के दिए संविधान के कारण यहां तक आने का अवसर मिला है. संविधान हमारे लिए बहुत मूल्यवान है. किसी भी सरकार के नीति निर्धारण में हमारा संविधान दिशा दर्शक काम करता है. संविधान की प्रति लेकर घूमने वाले संविधान दिवस का विरोध कर रहे थे. 

ये वही लोग है जिन्होंने ऑटो पायलट मोड़ पर सरकार चलाईः
विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देने के लिए जनता ने आशीर्वाद दिया है. पिछले 10 वर्षों में अर्थव्यवस्था 10वें नंबर से 5वें नंबर तक पहुंचा है. कोरोना के कठिन काल के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था को 5वें नंबर पर पहुंचाया है. अब 5वें नंबर तीसरे पर पहुंचाने के लिए जनादेश मिला है. यहां कुछ ऐसे विद्वान है जो कहते है कि अपने आप तीसरे नंबर पहुंच जाएगा. ये वही लोग है ऑटो पायलट मोड़ पर सरकार चलाई, करने-धरने में विश्वास नहीं रखते है. लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते है.