सीजन की अंतिम सफारी पर बाघिन रिद्धि ने किया पर्यटकों को भावुक, 1 घंटे तक अपने शावकों के साथ की क्लोजिंग वॉक

जयपुरः रणथंभौर में बाघों की बंपर साइटिंग के साथ ही 9 महीने चलने वाले फुल सीजन पर आज से 3 महीने के लिए ब्रेक लग गए हैं. अब रणथंभौर के 1 से 5 नंबर तक के जोन 3 महीने के लिए बंद रहेंगे. लेकिन जिस तरह से बाघिन रिद्धि ने सीजन के अंतिम दिन अपने चाहने वाले पर्यटकों को विदाई दी उसने सभी को भावुक कर दिया. जोन नंबर तीन में बाघिन रिद्धि सघन वन क्षेत्र से बाहर आई और खुले मैदान में अपने शवकों के साथ 30 मिनट से ज्यादा पर्यटकों के सामने रही मानो कह रही हो अब 3 महीने बाद मिलेंगे. 

रणथंभौर कभी भी अपने पर्यटकों को निराश नहीं करता. यहां कुल 73 बाघ, बाघिन और शावक हैं. जोन नंबर 1 से लेकर 10 तक बाघों ने अलग-अलग जगह अपने टेरिटरी बना रखी है. रणथंभौर के जोन नंबर 1 से 5 को इसलिए खास माना जाता है कि यहां पर सघन वन हैं. और 'एमआरपी' यानी मलिक तालाब, राज बाग तालाब और पदम तालाब के चलते जो सबसे शक्तिशाली बाघ, बाघिन हैं वी इन पांच जोन में ही ज्यादा विचरण करते हैं. रणथंभौर की मशहूर बाघिन और रिद्धि की मां टी 84 यानी एरोहेड और उसके तीन शावक, सुल्ताना और उसके शावक, रिद्धि और उसके तीन शावक, टी 120 गणेश और नूरी. इन सभी का विचरण क्षेत्र जोन नंबर 1 से जोन नंबर 5 तक है. रविवार यानी कल सीजन का एक तरह से अंतिम दिन था इसके बाद जोन 1 एक से लेकर 5 तक आज से 3 महीने तक बंद रहेंगे. कल वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर विजय सिंह मीणा और उनके साथ मौजूद नीलेश और कृष्णा पटेल ने 'फर्स्ट इंडिया न्यूज़' के साथ कुछ भावुक वीडियो साझा किए हैं. जोन 3 में कल सीजन की अंतिम सफारी यानी शाम की में बाघिन रिद्धि ने सभी पर्यटकों को भावुक कर दिया. रिद्धि पहले तो सघन वन से निकल कर के हंटिंग प्लेस के सामने आ गई. उसके बाद धर्मशाला तक उसने शावकों के साथ खुले मैदान में वॉक किया. इसके बाद पदम तालाब की तरफ चली गई और फिर काफी देर रुकने के बाद वहां से जोगी महल की तरफ चली गई. मानो पर्यटकों से 3 महीने के लिए विदाई ले रही हो और कह रही हो तीन महीने के लिए अलविदा!

रणथंभौर में वर्तमान में 28 बाघ 30 बाघिन और 15 शावक हैं. बाघिन मछली की नातिन टी 84 एरोहेड और उसकी बेटी टी 124 रिद्धि पिछले वर्ष लगभग एक से ही समय में मां बनी थी और दोनों ने तीन-तीन शावकों को डिलीवर किया था. कल शाम समाप्त हुए फुल सीजन के 9 महीने में इन दोनों मां बेटियों ने अपने शावकों के साथ पर्यटकों को लगभग शत प्रतिशत साइटिंग कराई है. अब चूंकि पार्क के 1 से जोन 5 तक अगले 3 महीने के लिए बंद रहेंगे ऐसे में वन्य जीव प्रेमी अब इन दोनों मां बेटियों और उनके शावकों को 3 महीने नहीं देख पाएंगे. और संभवत: इन तीन महीने में ही दोनों मां बेटियों के जो नर शावक हैं उनका मां से अलग होने का प्रोसेस भी शुरू हो जाएगा. क्योंकि बाघों में नर शावक अपनी मां से डेढ़ वर्ष की अवस्था के आसपास अलग हो जाते हैं जबकि मादा शावक डेढ़ से पौने दो साल की आयु में मां से अलग हो जाती है. ऐसे में कल शाम की सफारी में दोनों मां बेटियों के अपने शावकों के साथ दिखने के नजारे पर्यटक 3 महीने बाद हो सकता है नहीं देख पाएं. इसलिए इन दृश्यों को यादगार माना जा रहा है.