जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकार का 'बजट लीक' होने के विपक्षी भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए शुक्रवार को कहा कि भाजपा ने अनावश्यक रूप से एक 'नाटक' किया. गहलोत ने कहा कि भाजपा ने बजट को लाइव देखने वाले लोगों का ध्यान उससे हटाने के लिए इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.
उन्होंने कहा कि विधानसभा में जो हुआ (उन्होंने बजट भाषण शुरू करते हुए पिछले बजट के कुछ अंश पढ़े थे) वह एक "मानवीय त्रुटि" थी और इसलिए मैंने अपना भाषण रोका और मैंने ‘सॉरी’ कहा . तो फिर हंगामा करने की जरूरत क्या थी.' बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से उन्होंने कहा, ‘‘ बिना मतलब के बात का बतंगड़ बनाया गया .... मैंने सुना कि इसको लेकर दिल्ली में भाजपा वाले प्रेस से बात करने लग गये.. . यह स्थिति है उनकी . उन्होंने कहा, ‘‘इनको मालूम था कि बजट शानदार आयेगा. इनका हो हल्ला करने का मकसद सिर्फ यह था कि इस बार बजट का प्रचार बहुत हो गया है तो उससे लोगों को उम्मीद भी बन गई कि पता नहीं क्या आयेगा और उनकी जिज्ञासा बढ गई थी. हम लोगों ने व्यवस्था की थी कि सभी लोग बजट को सुनें . उन्हें मालूम था कि लोग सुनने के लिए बैठे हुए हैं. वे (भाजपा नेता) चाहते थे कि सरकार का संदेश उन तक नहीं पहुंच जाए.’’
गहलोत ने कहा कि उनको (भाजपा नेताओं को) यह सहन नहीं हुआ कि पूरा राजस्थान बजट सुने . इसलिए उन्होंने (भाजपा वालों ने) जानबूझ कर लीक करने की बात की.. कोई दम नहीं था उनकी बातों में.’’ उन्होंने कहा कि बजट का 0.1 फीसदी हिस्सा भी लीक नहीं हुआ. उल्लेखनीय है कि गहलोत द्वारा अपने बजट भाषण की शुरुआत में कुछ पंक्तियां पुराने बजट से पढ़े जाने को लेकर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने हंगामा किया और सदन की कार्यवाही दो बार के लिए स्थगित करनी पड़ी. हालांकि बाद में मुख्यमंत्री गहलोत ने घटना पर 'खेद' जताए जाने के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हुई और गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया. सोर्स- भाषा