VIDEO: राजस्थान में पर्यटन को लगेंगे पंख, स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत 283.47 करोड़ की चार परियोजना स्वीकृत

जयपुर : डबल इंजन की सरकार का अब प्रदेश के पर्यटन को भी फायदा मिलने लगा है. करीब 8 वर्ष पूर्व राजस्थान के लिए चार अलग-अलग सर्किट्स में परियोजना स्वीकृत की गई थी. लेकिन उनके लिए राशि जारी नहीं हुई थी. अब गजेंद्र सिंह शेखावत के केंद्र में पर्यटन और संस्कृति मंत्री बनने के बाद राजस्थान के इन चारों परियोजनाओं के लिए 283.47 करोड रुपए की राशि स्वीकृत कर दी गई है. जल्द ही अब इन चारों परियोजनाओं पर काम शुरू होगा. 

वर्ष 2015-16 में डेजर्ट सर्किट के तहत राजस्थान के सांभर झील और उसके आसपास के क्षेत्र के विकास की योजना स्वीकृत की गई थी. इसी तरह 2016-17 में कृष्णा सर्किट के तहत गोविंद देव जी मंदिर जयपुर, खाटू श्याम जी सीकर और श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा के एकीकृत विकास की योजना स्वीकृत की गई थी. इसी वर्ष आध्यात्मिक सर्किट के तहत सालासर बालाजी चुरु, श्री सामोद के बालाजी, घाट के बालाजी व बंधे के बालाजी जयपुर, बीजक, जैनसिया और अंबिका मंदिर विराटनगर, कामां क्षेत्र के विकास की योजना, मचकुंड धौलपुर, मेहंदीपुर बालाजी दौसा और सांवलिया जी चित्तौड़ की योजना भी स्वीकृत की गई थी. 

वर्ष 2017-18 में हेरिटेज सर्किट के तहत राजसमंद का कुंभलगढ़ किला, जयपुर के नाहरगढ़ किले में लाइट एंड साउंड शो, गागरोन किला झालावाड़, चित्तौड़ का किला, जैसलमेर का किला, हनुमानगढ़ का गोगामेड़ी, उदयपुर का प्रताप गौरव केंद्र, धौलपुर का बाग ए नीलोफर और पुरानी छावनी, नागौर में मीराबाई स्मारक मेड़ता और टोंक की सुनहरी कोठी के विकास की योजना स्वीकृत की गई थी. योजना स्वीकृत होने के बाद भी राशि जारी नहीं हो सकी थी. अब राज्य में उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री का दायित्व मिलने के बाद दिया कुमारी ने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से योजनाओं के लिए राशि स्वीकृत करने की मांग रखी थी. इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने 283.47 करोड रुपए की राशि मंजूर कर दी. डेजर्ट सर्किट के तहत 50.01 करोड़, कृष्णा सर्किट के तहत 75.80 करोड़, आध्यात्मिक सर्किट के तहत 87.05 करोड़ और हेरिटेज सर्किट के तहत 70.61 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. 

कल जोधपुर प्रवास पर रहे केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अभी तो शुरुआत है, लेकिन एक बात सभी को समझनी होगी कि टूरिज्म संविधान की व्यवस्था के अनुरूप राज्य सरकार का विषय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कालखंड के समय में ये सर्किट दिए गए थे. आने वाले समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र में और किस तरह से टूरिज्म को बढ़ा सकते हैं, उस दिशा में काम होगा. राज्य सरकार से यदि टूरिज्म को लेकर प्रस्ताव मिलेंगे तो गंभीरता के साथ में विचार भी करेंगे और उनको आगे भी बढ़ाएंगे. 

राजस्थान में पर्यटन ढांचा तेजी से विकसित हुआ है. पिछले वर्ष 18 करोड़ से अधिक पर्यटक राजस्थान आए थे और इस वर्ष जुलाई अंत तक यह संख्या 9 करोड़ के आसपास रही है. ऐसे में राजस्थान में पर्यटन के आधारभूत ढांचे के विकास को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही काफी संवेदनशील हैं. अब तो वैसे भी डबल इंजन की सरकार है और केंद्र में पर्यटन मंत्री भी जोधपुर के गजेंद्र सिंह शेखावत हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब राजस्थान में पर्यटन ढांचा तेजी से विकसित होगा और उपमुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री दिया कुमारी के नेतृत्व में राज्य की एसजीडीपी में पर्यटन के योगदान को 15 फीसदी तक बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा भी किया जा सकेगा.