स्मारकों से विमुख होते पर्यटक! पीक सीजन में कम हुए पर्यटक, टूरिज्म इंडस्ट्री को झटका

जयपुरः प्रदेश के स्मारकों में पर्यटकों की घटती संख्या टूरिज्म ट्रेड के लिए खतरे की घंटी है. राइजिंग राजस्थान और आईफा जैसे बड़े आयोजनों को लेकर संतुष्ठ और व्यस्त टूरिज्म ट्रेड इस खते से अनजान है या फिर अनजान बन रहा है. हालात नहीं सुधारे गए तो अगले वर्ष स्मारकों में कहीं ज्यादा सूनापन दिखाई देगा. इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर तक पिछले वर्ष की तुलना में स्मारकों में 5 लाख 25 हजार 820 पर्यटक कम पहुंचे. 

पीक सीजन में कम हुए पर्यटक, टूरिज्म इंडस्ट्री को झटका
बेतरतीब ट्रेफिक, खराब पार्किंग व्यवस्था, लपके और टिकटिंग में असुविधा
राजधानी में घटती पर्यटक संख्या दे रही खतरे के संकेत
नहीं सुधरे हालात तो स्मारकों से विमुख हो जाएंगे पर्यटक
स्मारकों पर पर्यटकों के आगमन में 13 फीसदी की कमी
पिछले वर्ष के अप्रेल से अक्टूबर तक की अवधि की तुलना में कमी
7 महीने में 5 लाख 25 हजार 820 पर्यटक आए कम
राजस्व में भी 3 करोड़ 35 लाख से ज्यादा की कमी
सबसे ज्यादा अरमेर में घटी पर्यटकों की संख्या
आमेर में 7 महीने में 2 लाख 25 हजार 409 सैलानी आए कम

प्रदेश में अक्टूबर से लेकर मार्च तक पर्यटन का पीक सीजन माना जाता है. ऐसे में स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या घटना निश्चित तौर पर अच्छे संकेत नहीं हैं. लगातार पर्यटन स्थलों के आसपास जाम के हालात, बदहाल यातायात व्यवस्था सहित कई कारण है जिनकी वजह से पर्यटक भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं.

स्मारकों पर सुविधाएं बढ़ी, पर्यटक घटे !
चालू वित्त वर्ष में पुरातत्व विभाग की पर्यटन से आय में कमी
प्रदेश के 33 स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या में 13.13 प्रतिशत की कमी
पर्यटकों से होने वाली आय में 12.39 फीसदी की कमी
सबसे ज्यादा आमेर में घटे पर्यटक,चित्तौड़ में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि
पर्यटकों से मिले फीडबैक में कई खामियां हुई उजागर
लपके, ट्रैफिक, पार्किंग, कनेक्टिविटी, ऑनलाइन टिकटिंग सबसे बड़े कारण
33 स्मारकों में से 24 में पर्यटकों की आवक में गिरावट
महज 9 स्मारक व संग्रहालय में ही आवक में हुई वृद्धि
अलवर, भरतपुर, चित्तोड़, बीकानेर, झालावाड़, ईसरलाट, सिसोदिया रानी का बाग
विद्याधर का बाग, किराडू का मंदिर में पर्यटक बढ़े

प्रदेश के 33 में से 24 स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या घटने से एक बात तो साफ है कि सरकार को जल्द ही पर्यटन स्थलों के आसपास यातायात व्यवस्था सुधारने होगी पार्किंग को बेहतर करना होगा लव का फ्री बनाना होगा क्षेत्र को और ऑनलाइन टिकट में बार-बार सर्वर था पुणे जैसी गड़बड़ी को ठीक करना होगा.

'रेंगती' राजधानी से पर्यटन हुए विमुख !
परकोटे में स्थाई जाम, खराब पार्किंग व्यवस्था ने दिखाया आईना
अप्रैल से अक्टूबर तक राजधानी से दूरी बनाते दिखे पर्यटक
इन 7 महीनों में पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में घटे पावणे
वर्ष 2023 में इस अवधि में आए थे 35 लाख 71 हजार 798 पर्यटक
जबकि इस वर्ष इन 7 महीनों में आए 30 लाख 9142 सैलानी
पिछले वर्ष की तुलना में 5 लाख 62 हजार 656 पर्यटकों की कमी
पुरातत्व विभाग के राजस्व में भी 3 करोड़ 33 लाख 61220 रुपए की कमी
स्मारक और संग्रहालयों पर बेहतर व्यवस्था के बाद भी कम हो रहे पर्यटक
पार्किंग, ट्रेफिक में सुधार जरूरी, लपका फ्री राजधानी बने तब सुधरें हालात

प्रदेश में पुरातत्व विभाग के 33 स्मारक और संग्रहालय हैं. इनमें आने वाले 75 फ़ीसदी से अधिक पर्यटक सिर्फ राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थलों पर आते हैं. इसलिए जरूरी है कि आमेर सहित जयपुर के पर्यटन स्थलों के आसपास के बफर जॉन को दुरुस्त किया जाए. विश्व विरासत और जयपुर के एंट्री गेट आमेर का आकर्षण कम हो रहा है. ऐसा लगता है गुलाबी नगर के पांच प्रमुख स्मारकों को बदइंतजामी की नजर लग गई है.आमेर में सर्वाधिक 2 लाख 25 हजार 409 पर्यटक इस बार कम आए. वाहनों की चिल्ल पौं, लंबा जाम, ऑनलाइन टिकटिंग का बार बार ठप होता सर्वर, बेतरतीब पार्किंग, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड न होना, खतरनाक ट्रैफिक और आमेर के बफर में लगातार बढ़ता प्रदूषण और लपकों का आतंक अलार्मिंग है. 

वर्ष 2023 में अप्रैल से अक्टूबर तक आमेर 10.49 लाख पर्यटक आए तब जबकि इस वर्ष इस अवधि में महज 8.23 लाख सैलानी ही आए. राजस्व में भी 1.73 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमी आई. राजधानी के प्रमुख स्मारकों में पर्यटकों की घटती संख्या के आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रेल से अक्टूबर तक 5.62 लाख से ज्यादा पर्यटक कम आए. आमेर में 2 लाख 25409 पर्यटक इस बार कम आए, अल्बर्ट हॉल आने वाले 1 लाख 16 हजार 904 पर्यटक कम पहुंचे. जंतर मंतर आने वाले पर्यटकों की संख्या में 1 लाख 5930 की कमी दिखी. नाहरगढ़ 88 हजार 28 और हवामहल 38 हजार 878 पर्यटक कम आए.