लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती कर आंशिक तौर पर क्रियाशील ट्रामा सेंटर को जल्द पूर्ण रूप से संचालित करेगी. विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी (सपा) की नेता डॉ. रागिनी समेत अन्य सदस्यों के सवालों के जवाब में कहा कि प्रदेश के 35 जिलों में 36 ट्रामा सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से तीन पूर्ण रूप से क्रियाशील, 28 आंशिक रूप से क्रियाशील और पांच अक्रियाशील है.
पाठक ने कहा कि सभी ट्रामा सेंटर में स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कवायद की जा रही है, ताकि उन्हें पूर्ण क्षमता के साथ संचालित किया जा सके. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है और अब सरकार ने ढाई लाख रुपये वेतन की जगह पांच लाख रुपये वेतन प्रस्तावित किया है, जिससे जल्द भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर इस समस्या का समाधान किया जा सकेगा. डॉ. रागिनी ने प्रश्नकाल में इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया कि 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य में सिर्फ तीन ट्रामा सेंटर क्रियाशील हैं और इससे इतनी बड़ी आबादी को आपात स्थिति में कैसे चिकित्सकीय सुविधा मिलेगी. पाठक ने समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया. सपा के वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय, डॉ. संग्राम यादव, लालजी वर्मा के अलग-अलग प्रश्नों के उत्तर में उपमुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इससे पहले, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रसन्न कुमार के प्रश्न का उत्तर देते हुए पाठक ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के ट्रामा सेंटर में न्यूरोलॉजी चिकित्सक का पद सृजित नहीं है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में सेकेंडरी देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. न्यूरोलॉजी की चिकित्सा सेवा टर्शियरी केयर के अंतर्गत आती है, जो चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत मेडिकल कॉलेज एवं संस्थानों में उपलब्ध है.
राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाले हादसों और आकस्मिक चिकित्सा सुविधा तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी को लेकर सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में पाठक ने बताया कि प्रदेश में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं उच्च प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैरा मेडिकल स्टाफ के कुल 10,480 पद स्वीकृत हैं, जिनके सापेक्ष 8,004 पदों पर पैरामेडिकल कर्मी कार्यरत हैं. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पैरामेडिकल संवर्ग के फार्मासिस्ट और एक्स-रे टेक्नीशियन के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रेषित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के माध्यम से संविदा पर 1,478 फार्मासिस्ट और 195 एक्स-रे टेक्नीशियन कार्यरत हैं. सपा के ही पंकज मलिक के प्रश्न के उत्तर में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मरीजों के बेहतर उपचार के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुल 28 जिला चिकित्सालयों में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के वास्ते एक-एक ‘ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट’ संचालित है. पाठक ने कहा कि प्रदेश के 46 जिलों में ‘ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट’ की स्थापना/संचालन से संबंधित काम पूरा हो गया है. सोर्स- भाषा