जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को पेश आम बजट को राजस्थान के लिए घोर निराशाजनक करार देते हुए इसे राज्य की जनता के साथ सौतेला व्यवहार करार दिया. गहलोत ने कहा कि राज्य के साथ किये गये इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर जनता माकूल जवाब देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं का बजट प्रावधान कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान, एवं आमजन विरोधी है.
उन्होंने आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि केन्द्रीय बजट की यदि राजस्थान प्रदेश के संदर्भ में बात की जाये तो यह बजट प्रदेश के लिए घोर निराशाजनक रहा. गहलोत ने एक बयान में कहा कि राजस्थान राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है.
केंद्रीय बजट की यदि राजस्थान के संदर्भ में बात की जाये तो यह बजट प्रदेश के लिए घोर निराशाजनक रहा।राजस्थान राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है pic.twitter.com/VxY4QdnRNu
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 1, 2023
उन्होंने कहा कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक राज्य को ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में राशि 5,300 करोड़ उपलब्ध कराया जाना केन्द्र का राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर माकूल जवाब देगी. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया.
गहलोत ने कहा कि बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग किया गया है लेकिन गरीब लोगों के लिए कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना में वर्ष 2023-24 का बजट प्रावधान 33 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 30,000 करोड़) कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान, एवं आमजन विरोधी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में कृषि एवं कृषक कल्याण से संबंधित बहुत सारी थोथी घोषणाएं की गई है, लेकिन कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले वर्ष से लगभग छह प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 7,500 करोड़) कम राशि का प्रावधान किया गया है. इसी प्रकार यूरिया सब्सिडी मद में गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 23,000 करोड़) की उल्लेखनीय कमी कर दी है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय तथा महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा करते हुए गत वर्षों की तुलना में इस बजट में नगण्य वृद्धि की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त देश विगत वर्षों से महंगाई से त्रस्त है, आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी वृद्धि हुई जिससे आम आदमी का जीवन यापन दूभर हुआ. महंगाई को कम करने के संबंध में कोई नीतिगत बयान नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल होगा.(भाषा)