वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि भारत में अमेरिकी राजदूत की गैरमौजूदगी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के लिए देश के साथ प्रभावी संबंध बनाने में बाधक नहीं बनी.
सीनेट ने पिछले हफ्ते भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी के नाम की पुष्टि की थी. यह पद दो साल से अधिक समय से खाली पड़ा था.
व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक जॉन किर्बी ने पत्रकारों से कहा कि अगर आपके पास किसी देश में सीनेट की पुष्टि वाला राजदूत है, खासकर भारत जैसे देश में जो हमारे लिए क्षेत्र और दुनियाभर में काफी महत्वपूर्ण है तो इससे काफी मदद मिलती है. हालांकि हमने इसे (राजदूत न होने को) बाधक नहीं बनने दिया.
अपनी विदेश नीति के हितों को आगे बढ़ा पाए:
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति (जो) बाइडन ने उस द्विपक्षीय संबंध को प्राथमिकता दी है. भले ही वहां हमारा राजदूत नहीं था लेकिन हमारे पास निश्चित रूप से वहां एक बहुत ही सक्षम प्रभारी था और दूतावास में बेहद सक्षम कर्मचारी थे जिनकी वजह से हम इस द्विपक्षीय संबंध में अपनी विदेश नीति के हितों को आगे बढ़ा पाए तथा उन्होंने इसे बेहद प्रभावी ढंग से किया. किर्बी ने कहा कि हालांकि जाहिर है कि एक राजदूत का होना हमेशा महत्वपूर्ण होता है. सोर्स-भाषा