मुंबई : वाणी त्रिपाठी टिक्कू एक राइटर के रूप में किए गए अपने पहले डेब्यू में बच्चों को गुरु बताती हैं. हाथी लाल क्यों नहीं हो सकते? ऐसी ही कुछ बातें हैं जिन्हें छोटे बच्चे संभालने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होते हैं जिन्हें संभालना बड़ों के लिए मुश्किल होता है. अपनी अनरेस्ट्रिकटेड सोच और विचारों से स्वतंत्रता के कारण बच्चे हर तरह की जिज्ञासाओं का अपने अनूठे तरीकों से उत्तर देने में सक्षम होते हैं.
हमें हाल ही में उनसे इस बारे में खास बातचीत करने का मौका मिला. किताब और इसके अनोखे नाम के बारे में बात करते हुए वाणी ने कहा कि यह किताब एक दोतरफा यात्रा है, 'व्हाई कान्ट एलिफेंट्स बी रेड?' पुस्तक का टाइटल है और जब मैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में काम कर रही थी तो यह मेरा आखिरी नाटक था. ये बच्चों की दुनिया है जहां बच्चा पढ़ाई में उतना अच्छा नहीं है लेकिन आर्ट में ब्रिलियंट है एक दिन आर्ट क्लास में एक लाल हाथी को पेंट करता है, जिसके बाद एक कला शिक्षक थोड़ा गुस्सा हो जाता है और वह बच्चे से कहता है कि यह कुछ ज्यादा ही है और वह हाथी केवल ग्रे, काला या सफेद रंग का होता है. लाल हाथी कभी नहीं होता. इसके बाद बच्चे ने अपने टीचर से इस बात पर कड़ी बहस की कि तुम्हारा हाथी काला है लेकिन तुम्हारे लिए यह मानना इतना कठिन क्यों है कि मेरा हाथी लाल हो सकता है. तो यह सब बच्चे की आंतरिक दुनिया के बारे में है.
वाणी ने कहा कि मेरी दूसरी यात्रा ये थी कि मेरा एक ढाई साल का बच्चा महामारी के दौरान डेढ़ साल तक मुझसे दूर रहा क्योंकि मैं दिल्ली में अपनी मां की देखभाल कर रही थी और वह सिंगापुर में मेरे ससुराल में थी. तो किताब की यह 12 कहानियां उस परिवार के प्रत्येक सदस्य की बात करती हैं जो हर दिन उसकी देखभाल करता था और उसे खुश रखता था.
इस सब्जेक्ट को चुनने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस किताब के साथ एक बहस छेड़ना चाहती हूं, बच्चों के लिए रियलिस्टिक चीजे कम लिखी जाती है. ज्यादातर परियों की कहानियों, राज्यों और राजकुमारियों के बारे में बात करते हैं जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं होता है.
इस किताब को क्या खास बनाता है इसके बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह किताब खास है क्योंकि यह कुछ ऐसा है जो मुझे मेरे अतीत से जोड़ता है. आगे वाणी ने कहा कि ये वर्तमान की शिक्षा प्रणाली से मेरी एक लड़ाई है जिसने बच्चों को एक बक्से में बंद कर दिया है. अगर दर्शकों से इसको प्यार मिलता है तो दूसरे लेखकों को भी बच्चों के लिए रियलिस्टिक बातें लिखने का हक मिलेगा.