विराट कोहली ने कहा, ऑस्ट्रेलिया अब भारत को हल्के में नहीं लेता, टेस्ट टीम के रूप में सम्मान मिला

लंदन: स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने कहा है कि भारतीय टेस्ट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर दो बार हराकर काफी सम्मान हासिल किया है और अब उन्हें पारंपरिक प्रारूप में हल्के में नहीं लिया जाता.भारत ने ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर 2018-19 और 2020-21 में बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 2-1 के समान अंतर से टेस्ट श्रृंखला जीती. कोहली ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा कि शुरुआत में प्रतिद्वंद्विता काफी कड़ी थी, माहौल भी काफी तनावपूर्ण था. लेकिन जब से हमने ऑस्ट्रेलिया में दो बार जीत हासिल की है, प्रतिद्वंद्विता सम्मान में बदल गई है और अब हमें एक टेस्ट टीम के रूप में हल्के में नहीं लिया जाता है. उन्होंने कहा कि हम उस सम्मान को महसूस कर सकते हैं जब हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हैं कि ‘उन्होंने हमें स्वदेश में लगातार दो बार हराया है और यह बराबरी की लड़ाई होगी.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बुधवार से द ओवल में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल खेला जाएगा.इस करिश्माई भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि वह हमेशा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित रहते हैं क्योंकि वे शायद ही कभी अपने विरोधियों को अच्छा प्रदर्शन करने का मौका देते हैं. कोहली ने कहा कि मैं उस मानसिकता को समझता हूं कि सभी 11 खिलाड़ियों की सोच समान है और वे प्रत्येक मौके का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. इसलिए इस टीम (ऑस्ट्रेलिया) के खिलाफ मेरी प्रेरणा बढ़ जाती है जो इतनी जागरूक और प्रतिस्पर्धी है कि मुझे अपने खेल के स्तर को ऊपर उठाना पड़ता है.

भारत के पूर्व कप्तान का मानना है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल का नतीजा टीमों के परिस्थितियों से तालमेल और सामंजस्य बैठाने पर निर्भर करेगा. ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ने द ओवल में संघर्ष किया है. जहां ऑस्ट्रेलिया ने अपने 38 टेस्ट मैचों में से सिर्फ सात जीते हैं, वहीं भारत यहां 14 मैचों में सिर्फ दो जीत हासिल कर पाया है. कोहली ने कहा कि मुझे लगता है कि ओवल में खेलना चुनौतीपूर्ण होगा, हमें सपाट विकेट नहीं मिलेगा और बल्लेबाजों को सतर्क रहने की जरूरत है. हमें अपनी एकाग्रता और अनुशासन पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि आपको परिस्थितियों के अनुसार खेलने के अनुभव की आवश्यकता है और हम इस उम्मीद के साथ नहीं जा सकते हैं कि ओवल की पिच हमेशा की तरह खेलेगी. इसलिए हमें सामंजस्य और तालमेल बैठाना होगा, हमारे पास तटस्थ स्थान पर केवल एक मैच है और जो भी बेहतर सामंजस्य बैठाएगा वह जीतेगा.

भारत डब्ल्यूटीसी के पहले फाइनल में न्यूजीलैंड से हार गया जहां उन्होंने दो स्पिनरों के साथ खेलकर गलती की थी जबकि परिस्थितियां तेज गेंदबाजी के अनुकूल थीं.कोहली के अनुसार तेज गेंदबाजी के अनुकूल हालात में खेलना पूरी तरह से रन बनाने और अच्छी गेंदों पर रक्षात्मक खेल दिखाने के बीच का संतुलन है. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में बादल छाए होने और तेजी गेंदबाजी की अनुकूल परिस्थितियों में खेलने का सबसे कठिन हिस्सा उन गेंदों को समझना और चुनना है जिन पर आपको शॉट खेलने की जरूरत है. रन बनाने और ठोस तकनीक के साथ खेलने के बीच संतुलन बहुत महत्वपूर्ण है. सोर्स भाषा