नई दिल्ली: कांग्रेस ने ‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि वह कानून में विश्वास करती है और यह लड़ाई कानून के तहत ही लड़ी जाएगी तथा उसके पूर्व अध्यक्ष बिना डरे सच बोलते रहेंगे.
अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के एक कथन को उद्धृत करते हुए ट्वीट किया कि मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि हमको पहले से अंदाजा लग रहा था, लेकिन हम कानून और न्यायपालिका में विश्वास रखने वाले हैं और कानून के तहत लड़ेंगे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह सच बोलते रहेंगे.
मोदी जी का नाम लेने से ही मानहानि हो जाती है:
उन्होंने ट्वीट किया कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे. सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे. देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे. सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है. पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब तो हालत यह हो गई है कि मोदी जी का नाम लेने से ही मानहानि हो जाती है. राहुल गांधी ने किस संदर्भ में बयान दिया था, उसे तो देखिए. ललित मोदी, नीरव मोदी, ऐसे और भी मोदी हैं, जो देश का पैसा लूटकर भाग गए, उनके बारे में उन्होंने बात की थी.
उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें:
उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें. फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे. वह आज सुबह सूरत पहुंचे. सोर्स-भाषा