जयपुर: प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के चलते हो रही बारिश किसान को नफा और नुकसान दोनों देकर जाएगी. खेतों में सुखाने के लिए पड़ी खरीफ की फसल नष्ट हो गई और बुवाई के लिए तैयार खेत को जमकर होगा फायदा. किसान को कैसे उठाना पड़ेगा नुकसान और क्या होगा फायदा.
प्रदेश में मानसून में अतिवृष्टि और बाढ़ की मार झेल चुके किसान को अब नफा और नुकसान दोनों की संभावना है. पश्चिमी विक्षोभ के चलते बेमौसम की बारिश खेतों में सुखाने के लिए पड़ी खरीफ की फसल को जमकर नुकसान पहुंचा रही है. पशुओं के लिए खेतों में पड़े चारे की गुणवत्ता भी खराब हो रही है और पशुओं के लिए चारे की कमी हो सकती है. जबकि रबी की कुछ फसलों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो रही है. रबी की बुवाई के लिए तैयार खेत में नमी बढ़ने के बाद किसान का चेहरा खिला हुआ है. क्योंकि उसे पलाव नहीं करना पड़ेगा.
-किसानों की मानें तो बारिश से नफा-नुकसान दोनों होंगे
-खरीफ की खेतों में सुखाने के लिए रखी फसल हो रही खराब
-ग्वार की कटाई जारी, ग्वार काला पड़ेगा और गुणवत्ता खराब होगी
-खेतों में सूखने के लिए पड़ा पशुओं के चारे की गुणवत्ता होगी खराब
-शेखावाटी, अलवर सहित अन्य जिलों में प्याज की रुपाई पर दिखाई देगा असर
-सूखी जमीन गिली हुई तो प्यास की बुवाई 10 से 15 दिन हो सकती लेट
-उधर, बारिश से रबी की फसलों के लिए जमीन में बढ़ेगी नमी
-रबी की अगेती बुवाई के लिए जमीन और वातावरण दोनों अनुकूल बने
-खेत तैयार करके बैठे किसान को रबी बुवाई में होगी बारिश से मदद
-किसान को जमीन में मनी के बाद पलाव की जरूरत नहीं पड़ेगी
-प्रदेश की बारिश सरसों और चने के लिए वरदान साबित
--- प्रदेश में रबी बुवाई का आंकड़ा जारी ---
-कृषि विभाग ने 27 अक्टूबर तक का आंकड़ा जारी किया
-प्रदेश में लक्ष्य के मुकाबले अब तक 27 प्रतिशत बुवाई
-अब तक गेहूं की 2 और जौ की 12 प्रतिशत बुवाई
-सरसों की अब तक हो चुकी 60 प्रतिशत बुवाई
-रबी का लक्ष्य रखा गया एक करोड़ 20 लाख 15 हजार हेक्टेयर
-लक्ष्य के मुकाबले अब तक 32 लाख 17 हजार हेक्टेयर बुवाई
हर साल किसान को रबी से अच्छी उम्मीद रहती है और इस बार नवंबर में बेमौसम की बारिश से रबी की तैयारी तो बेहतर होगी, लेकिन खरीफ की बची फसलों को नुकसान हो रहा है. धान को नुकसान पहुंचा रही है. साथ ही खेत में सुखाई जा रही खरीफ फसलों को नुकसान हुआ है. जबकि रबी की सरसों और चने को जमकर फायजा पहुंचा सकती है यह बारिश. किसानों की मानें को जहां सरसों की बुवाई हो चुकी, उसके लिए बारिश बेहतर साबित होगी और बुवाई करने वाले किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी की कम आवश्यकता रहेगी. उधर, अगेती फसलों के लिए भी किसान को जमीन में नमी मिल सकेगी. उधर, खेत में धान की फसल को नुकसान हुआ है और सुखाने के लिए रखी फसलें भी खराब हो रही हैं. हालाकि किसान को कहीं नुकसान तो कहीं फायदा होगा.