जयपुर: प्रदेश कांग्रेस कमेटी का खुद का भवन होने का सपना टूटता सा जा रहा है. शिलान्यास का पत्थर रखने के तीन महीने बाद भी इस भवन की नींव तक नहीं भरी गयी गयी है. कांग्रेस सरकार द्वारा आवंटित जमीन अभी भी खंडहरनुमा ही नजर आ रही है और शिलान्यास के पत्थर के अलावा अन्य कोई पत्थर अभी तक यहां नहीं लग पाया है.
प्रदेश भर के हजारों कार्यकर्ताओ व बड़े पदाधिकारियों की मौजूदगी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब जयपुर के मानसरोवर में द्रव्यवती रिवर फ्रंट के पास नए सिटी पार्क के सामने जब शिलान्यास की इस पट्टिका पर से पर्दा हटाया था, तो प्रदेश भर के कांग्रेसियों को लगा था कि उनके खुद का भवन होने का सपना अब जल्दी ही पूरा हो जाएगा. लंबी चौड़ी कवायद के बाद कांग्रेस सरकार ने ही कांग्रेस मुख्यालय बनाने के लिए 6000 वर्ग गज जमीन अलॉट की थी. शिलान्यास कार्यक्रम में 55 हजार पदाधिकारियों को बुलाया गया.. कांग्रेस के 52 हजार बूथ अध्यक्षों, 2200 मंडल अध्यक्षों, 400 ब्लॉक अध्यक्षों, 40 जिलाध्यक्षों और पार्टी पदाधिकारियों को न्योता दिया गया . जब राहुल गांधी ने अपनी दादी व पूर्व PM इंदिरा गांधी के नाम से बनने वाले इस इंदिरा भवन का शिलान्यास किया था, तो शायद ही किसी ने सोचा था कि काम बस यही ठप हो जाएगा.
आपको अब दिखाते है नए साल की तस्वीर. शिलान्यास हुए तीन महीने से ज्यादा हो गया, लेकिन काम शुरू होना तो दूर अभी तक जमीन के तारबंदी तक नहीं हुई. इस जमीन में जगह जगह बड़े खड्डे पड़े है, अधिकांश जमीन खंडहरनुमा नजर आ रही है. शायद प्रदेश कांग्रेस के कर्णधारों को इतना भी समय नहीं कि एक बार इस जमीन की सूरत तो देख ले. जमीन पर कई जगह "चींटी नगरी" नजर आती है. बस ये चींटिया ही इस जमीन पर अपना साम्राज्य बढ़ा रही है. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के लिए तो यह जमीम अभी नीचे बैठने लायक भी नहीं. शिप्रा पथ की मुख्य सड़क के किनारे यदि यह शिलान्यास की बड़ी से दीवार न लगी हो तो अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि इस जमीन पर कांग्रेस का दफ्तर बनेगा.
राजस्थान में अब तक कांग्रेस का खुद का कोई भवन नहीं था. दान में दिए हुए भवन में कांग्रेस पार्टी का कार्यालय संचालित है. आजादी के बाद पहली बार प्रदेश कांग्रेस को खुद का भवन नसीब होने का मौका आया. लम्बे प्रयासों के बाद कांग्रेस के नए भवन की नींव रखी गई. सपना तो दिखाया गया कि इस नए भवन को काफी हाईटेक बनाया जा रहा है. नए कार्यालय में तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसका निर्माण आधुनिक शैली में किया जाएगा. इसमें पीसीसी चीफ और सीएलपी लीडर के अलग अलग कक्ष बनाए जाएंगे. साथ ही पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के बैठने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. लेकिन पार्टी चुनाव में क्या व्यस्त हुई और चुनाव क्या हार गई. अपने भवन को ही भूल गयी.