राजस्थान में प्रभारी मंत्रियों के प्रभार की गणित, सत्ता और संगठन को जमीनी सियासी फीडबैक देने का करेंगे काम

राजस्थान में प्रभारी मंत्रियों के प्रभार की गणित, सत्ता और संगठन को जमीनी सियासी फीडबैक देने का करेंगे काम

जयपुरः राजस्थान में बजट सत्र से पहले सीएम भजन लाल शर्मा ने अपनी टीम के मंत्रियों को अलग अलग जिलों का प्रभारी बनाया. मंत्रियों को जिला प्रभारी बनाने के पीछे जातीय और क्षेत्रीय गणित को साधा गया है. कारण साफ है आगामी दिनों में पांच विधानसभा उपचुनाव,पंचायती राज और निकाय के चुनाव होने है. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद जिलों में मंत्रियों की तैनाती अहम घटनाक्रम है. जाहिर है मंत्री सत्ता और संगठन को जमीनी सियासी फीडबैक देने का काम करेंगे. 

लोकसभा चुनाव परिणाम बीजेपी के लिए राजस्थान में मुफीद नही रहे. लोकसभा चुनाव की रणनीति के मद्देनजर जमीनी फीडबैक पूरी तरह नेतृत्व तक नहीं पहुंच पाया था. लिहाजा नतीजे भी वैसे नही मिले. यही कारण है जिला प्रभारी मंत्रियों की तैनाती के पीछे जातीय क्षेत्रीय गणित का विशेष ध्यान रखा गया है.

---दीया कुमारी उप मुख्यमंत्री
प्रभार जिले अजमेर और केकड़ी
दीया कुमारी को अजमेर और केकड़ी प्रभार का मकसद
अजमेर संभाग के तौर पर है
राजनेतिक तौर पर अजमेर अहम है
अजमेर से सटे राजसमंद लोकसभा सीट से दीया सांसद भी रह चुकी
विधानसभा चुनाव में अजमेर में बीजेपी को जबर्दस्त प्रतिनिधित्व मिला था
वहीं अजमेर से टूट कर केकड़ी नया जिला बना है
केकड़ी जिले को लेकर रिव्यू हो रहा
नए जिले में आधारभूत ढांचा भी खड़ा होगा
दीया कुमारी के पास वित्त महकमा भी है
समाजिक समीकरणों के मद्देनजर भी जिला प्रभार दिया गया
अजमेर व केकड़ी में जाट,गुर्जर,ब्राह्मण, रावत,राजपूत,दलित जाति की बहुलता है

--प्रेम चंद बैरवा उप मुख्यमंत्री
प्रभार जिले चितौड़,प्रतापगढ़ और राजसमंद
मेवाड़ में आते है तीनों जिले
बीजेपी के बड़े दलित नेता है बैरवा
चितौड़ और राजसमंद में दलित वर्ग बहुतायत में
प्रतापगढ़ आदिवासी बहुल है
लोकसभा चुनाव परिणाम बीजेपी के लिए यहां अच्छे रहे थे

--- डॉ किरोड़ी लाल मीणा 
प्रभार जिले अलवर,खेरथल तिजारा
मत्स्य ,मेवात और राठ का जिम्मा दिया
खास बात अलवर से सांसद भूपेंद्र यादव केंद्र में केबिनेट मंत्री
अलवर में मीणा आबादी भी बड़ी संख्या में
डॉ किरोड़ी का जिले में पुराना प्रभाव
डॉ किरोड़ी के गृह क्षेत्र दौसा से सटा है अलवर जिला
वही नए जिले खैरथल तिजारा में आधार भूत ढांचा खड़ा करने का जिम्मा
राजनेतिक तौर पर बेहद गर्म है अलवर बेल्ट
बीते विधानसभा चुनाव में अलवर में कांग्रेस ने अच्छी परफॉर्मेंस दी थी
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली यही से आते है

-- गजेंद्र सिंह खींवसर 
प्रभार जिले बीकानेर और अनूपगढ़
खींवसर के गृह जिले नागौर के करीब है बीकानेर
बीकानेर से सांसद अर्जुन मेघवाल है केंद्र में मंत्री
बीकानेर में राजपूत वर्ग का भी अपना प्रभाव है
पंचायती राज चुनावी समीकरणों के लिहाज से मुश्किल जिला
खींवसर के कारण सरहदी बेल्ट में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में मदद मिलेगी
नए बने जिले अनूपगढ़ को विकसित करने का होगा जिम्मा
दो लोकसभा क्षेत्रों को सीधे तौर पर साधने का काम करेंगे

-- राज्यवर्धन सिंह राठौड़ 
प्रभार जिले दौसा और गंगापुर सिटी
घोर राजनैतिक जिला है दौसा
लोकसभा चुनाव में दौसा सीट कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीती
वही नए जिले गंगापुर सिटी को विकसित करने का जिम्मा रहेगा
राठौड़ के गृह जिले जयपुर का पड़ोसी है दौसा जिला
वही नए बने गंगापुर सिटी को विकसित करने का रहेगा जिम्मा
मीना और गुर्जर बाहुल्य इलाके को साधना चुनौतीपूर्ण रहेगा
दौसा में विधानसभा का उपचुनाव भी होना है
उद्योग विभाग के मुखिया होने के कारण इन पिछड़े जिलों को विकसित करने का भी रहेगा जिम्मा
खास बात है दोनों ही जिले ERCP बहुल है

--- मदन दिलावर
प्रभार जिला जोधपुर ,जोधपुर ग्रामीण और फलोदी
हाड़ौती के नेता को मारवाड़ का जिम्मा दिया गया
जोधपुर है पूर्व सीएम अशोक गहलोत का गृह क्षेत्र
यहां से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत है केंद्र में मंत्री
दलित वर्ग भी जोधपुर जिले में बड़ी संख्या में
नए जिले फलोदी को विकसित करने का रहेगा जिम्मा

--- कन्हैया लाल चौधरी
प्रभार जिला नागौर,डीडवाना - कुचामन
घोर किसान बेल्ट का जिम्मा किसान नेता को
नागौर को जाट राजनीति के लिए जाना जाता है
चौधरी जाट वर्ग से आते है
सियासी तौर पर नागौर बीजेपी के लिए चुनौती पूर्ण
हाल ही में लोकसभा चुनाव में बीजेपी हार गई थी
अब खींवसर विधानसभा सीट पर होना है उप चुनाव
नए बने जिले डीडवाना कुचामन में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने का होगा जिम्मा
चौधरी के जिम्मे यहां सियासी टास्क भी रहेगा

-- जोगाराम पटेल
प्रभार जिले जयपुर शहर ,जयपुर ग्रामीण और दूदू 
चुनाव में भी पटेल के जिम्मे था जयपुर
प्रदेश की राजधानी के प्रभारी के नाते बड़ा जिम्मा
राजधानी से ही जाता है सियासी संदेश
भविष्य में निकाय चुनाव का करना होगा सामना
मेयर एक रहेगा या दो इसके निर्धारण में भी रहेगी भूमिका
नए बने जिले दूदू के रिव्यू में भी रहेगी भूमिका

--- सुरेश सिंह रावत
भरतपुर और डीग का रहेगा प्रभार
रावत के लिए भरतपुर क्षेत्र चुनौतीपूर्ण 
ERCP प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने की रहेगी जिम्मेदारी
नए बने जिले डीग  में आधारभूत सुविधाओं को पूरा करने की होगी जिम्मेदारी

--- अविनाश गहलोत 
चूरु और झुंझुनूं जिले का प्रभार मिला
बीते चुनाव में दोनों ही लोकसभा सीट कॉन्ग्रेस ने जीती
BJP में माली वर्ग के बड़े नेता हैं अविनाश गहलोत 
जाट बेल्ट कहे जाने वाले दोनों ही जिलों में मूल ओबीसी  वोट बहुतायत में 

--- सुमित गोदारा 
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों का प्रभार
लोकसभा चुनाव के दौरान भी यहां जिम्मा संभाला था
गोदारा है बीजेपी के युवा जाट नेता
श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ लोकसभा सीट जाट बहुल है
बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस सीट से जीती
किसान नेता गोदारा के पास कठिन टास्क रहेगा
नहरी क्षेत्र में सरकार के कामों को नीचे तक पहुंचाने का जिम्मा

--- जोगाराम कुमावत
बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर का जिम्मा 
राजनीतिक तौर पर बेहद अहम है सरहदी जिले 
बीता लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने जीता और bjp तीसरे नंबर पर रही
कुमावत bjp में मूल obc के बड़े नेता 
तीनों ही जिलों में मूल ओबीसी वर्ग बहुतायत में
नए बने जिले बालोतरा को विकसित करने का रहेगा जिम्मा

--- बाबू लाल खराड़ी
TSP बेल्ट बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों का जिम्मा
बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता है खराड़ी
बीते लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा डूंगरपुर को जीता BAP ने 
खराड़ी के सामने चुनौती रहेगी चौरासी विधानसभा उप चुनाव की
BAP का बढ़ता प्रभाव यहां चुनौती रहेगा

-- संजय शर्मा
सीकर और नीम का थाना जिलों का प्रभार
शेखावाटी के सियासी केंद्र सीकर का जिम्मा
बीते लोकसभा चुनाव में सीकर को इण्डिया एलायंस ने जीता
संभाग मुख्यालय के तौर पर विकसित करने का जिम्मा
बीजेपी के ब्राह्मण नेता माने जातें है संजय शर्मा
जाट बेल्ट सीकर जिले में ब्राह्मण वर्ग अहम भूमिका में
पीसीसी चीफ डोटासरा का गृह क्षेत्र है सीकर
नए बने नीम का थाना जिले में आधार भूत सुविधाओं को विकसित करने का रहेगा जिम्मा

-- गौतम कुमार दक
कोटा और सवाई माधोपुर जिलों का प्रभार
गृह जिले चितौड़ के करीब है कोटा जिला
डॉ किरोड़ी के कारण बेहद अहम है सवाई माधोपुर 
लोकसभा चुनाव में सवाई माधोपुर सीट हार गई थी बीजेपी
बीजेपी के वैश्य नेता है दक,कोटा में वैश्य वर्ग का प्रभाव 

--- झाबर सिंह खर्रा 
पाली और ब्यावर जिलों का प्रभार
BJP के बड़े जाट नेता है झाबर सिंह
पाली में जाट वर्ग बहुतायत में 
नए बने ब्यावर जिले में सुविधाओं को विकसित करने का जिम्मा रहेगा
UDH मंत्री के नाते दोनों जिलों कौ उनसे उम्मीदें रहेगी 

-- हीरालाल नगर 
टोंक और बूंदी जिलों का प्रभार
बीता लोकसभा चुनाव टोंक में हार गई थी बीजेपी
देवरी उनियारा विधानसभा चुनाव की चुनौती से जूझना होगा 
टोंक के विधायक है कॉन्ग्रेस के नेता सचिन पायलट
बूंदी जिले में धाकड़ वर्ग की संख्या अहम
हीरालाल नागर धाकड़ वर्ग के बड़े नेता

--- ओटाराम देवासी 
झालावाड और बारां जिलों का प्रभार
ये क्षेत्र पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का गढ़ कहा जाता है
झालावाड से सांसद बने हैं पूर्व सीएम राजे  के पुत्र दुष्यंत सिंह
देवासी को राजे कैंप में माना जाता है
मूल ओबीसी वर्ग यहां बहुतायत में
देवासी रेबारी देवासी समाज के धर्मगुरु है

--- मंजू बाघमार 
भीलवाड़ा और शाहपुरा जिलों की जिम्मेदारी 
दोनों ही जिलों में दलित वर्ग बड़ी तादाद में 
BJP की बड़ी दलित नेता है मंजू बाघमार
नई बने शाहपुरा जिले मैं आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने का होगा जिम्मा
शाहपुरा जिले को लेकर भी रिव्यू हो रहा है
यहां से रह चुके पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल विधायक 

---विजय सिंह चौधरी 
कोटपूतली- बहरोड़ जिलों का प्रभाव 
सियासी तौर पर बेहद अहम
नए बने जिले में आधारभूत ढांचा खड़ा करना चुनौती
घोर जातीय बेल्ट में सामाजिक समीकरण साधने होंगे

---- के के विश्नोई 
सिरोही ,जालौर सांचोर जिले की जिम्मेदारी
Bjp में विश्नोई वर्ग  के बड़े नेता 
इन जिलों में विश्नोई आबादी बड़ी तादाद में
नए बने जिले सांचौर में आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने का रहेगा जिम्मा
गुडामालानी सीट पर हेमाराम चौधरी को हराकर चर्चित हुए थे केके विश्नोई
विश्नोई समाज को परंपरागत रुप से कांग्रेसी माना जाता रहा है
के के बिश्नोई का जिम्मा रहेगा अपने समाज को bjp से जोड़े रखना
गुजरात से सटे होने के कारण यहां उद्योग धंधों को खड़ा करने में रहेगी भूमिका
विश्नोई के पास उद्योग विभाग के राज्य मंत्री है जिम्मा

--- जवाहर सिंह बेढम 
करौली और धोलपुर जिलों का प्रभार
इस लोकसभा सीट को बीते चुनाव में कांग्रेस ने जीत लिया 
गुर्जर समाज इस सीट पर बहुतायत में
बीजेपी के बड़े गुर्जर नेता रहे है जवाहर सिंह
जाट आरक्षण समेत ERCP टास्क यहां अहम 

टीम भजन लाल के मंत्री अपने अपने जिलों में जल्द प्रभार संभाल लेंगे. इनकी क्षमताओं का सीएम भजन लाल शर्मा समय समय पर रिव्यू करेंगे. प्रभार जिलों के मंत्रियों के लिए सबसे अहम रहेगा सरकार की बजट घोषणाओं और पार्टी के संकल्प पत्र को अपने अपने प्रभार क्षेत्रों में अम्लीजाम पहनाना साथ ही राजनेतिक इनपुट ऊपर तक पहुंचाना. काम आसान नहीं है. नए बने जिलों के रिव्यू से उपजे हालात को संभालना बेहद कठिन टास्क रहने वाला है.