Pm Modi: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, पीएम मोदी ने कहा- देश ने नकारात्मकता को नकार दिया, हारे हुए लोग संसद में अपना गुस्सा न निकालें

Pm Modi: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, पीएम मोदी ने कहा- देश ने नकारात्मकता को नकार दिया, हारे हुए लोग संसद में अपना गुस्सा न निकालें

नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो चुका है. चार राज्यों के परिणाम के बाद संसद का ये पहला सत्र है. ऐसे में पीएम मोदी के लोकसभा में पहुंचते ही मोदी सरकार तीसरी बार के नारे लगे. और प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया. इसके बाद संसद की कार्यवाही को शुरू किया गया है. 

संसद सत्र के शुरू होने से पहले मोदी ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि देश ने नकारात्मकता को नकार दिया है. जो लोग हारे हुए हैं वे संसद में अपनी हार का ग़ुस्सा न निकालें. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के महत्व को भी रेखांकित किया. पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों बराबर महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने राजनैतिक विश्लेषकों से इस चुनाव परिणाम को सकारात्मक तौर पर देश के सामने पेश करने की भी अपील की है.

चार राज्यों के नतीजे बहुत ही उत्साहवर्धक- मोदी
पीएम ने कहा कि राजनीतिक गर्मी बड़ी तेजी से बढ़ रही है. चार राज्यों के नतीजे आए हैं. बहुत ही उत्साहवर्धक परिणाम हैं. ये देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं. महिलाएं, युवा, किसान और गरीब ये ऐसी महत्वपूर्ण जातियां हैं, जिनका एम्पॉवरमेंट जरूरी है. जब आप लोक कल्याण के लिए काम करते हैं तो एंटी-इन्कंबेंसी फैक्टर खत्म हो जाता है. 

तीन राज्यों में बीजेपी की जीत के मोदी ने बाद कहा कि कुछ लोग इसे सत्ता समर्थक, सुशासन या पारदर्शिता कहते हैं, देश में यह देखा जा रहा है. देश ने नकारात्मकता को नकार दिया है, लोगों की आकांक्षाओं को मजबूत करने के लिए लोकतंत्र का मंदिर महत्वपूर्ण मंच है. मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें.

संसद में तैयारी के साथ आयेः
पीएम मोदी ने खासतौर पर अपील करते हुए कहा मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें. विधानसभा चुनावों के नतीजे लोगों के कल्याण, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध लोगों का उत्साहवर्द्धन करने वाले हैं. जो लोग महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों की चार जातियों' के सशक्तीकरण के सिद्धांत पर चलते हैं उन्हें जबरदस्त समर्थन मिलता है. जब जनकल्याण के लिए प्रतिबद्धता हो तो सत्ता विरोधी शब्द अप्रासंगिक हो जाता है.