VIDEO: राजस्थान को हरियाणा से मिली बड़ी खुशखबरी, यमुना जल प्रोजेक्ट का धरातल पर काम शुरू, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान के शेखावाटी में 35 साल का सूखा जल्द ही मिट जाएगा. यमुना जल समझौते के तहत आज से वॉकथ्रू सर्वे की शुरुआत हो गई. कहा जा सकता है कि धरातल पर काम शुरू हो गया. चार माह के भीतर सर्वे पूरा कर डीपीआर तैयार करनी होगी और उसके बाद तेजी से काम दिखाई देगा. सर्वे में क्या रहेगा और किस तरह काम किया जाएगा.

यमुना जल समझौते में भजनलाल सरकार के प्रयास रंग लाए हैं और लंबा इंतजार समाप्त हो गया. राजस्थान और हरियाणा के बीच आज एलाइनमेंट पर सहमति होते ही वॉकथ्रू सर्वे का काम शुरू कर दिया है है. राजस्थान की कंसलटेंट कंपनी नेपकान और हरियाणा की टीम ने सर्वे की शुरुआत कर दी है. हरियाणा के यमुनानगर के इंद्र हेड से सर्वे शुरू किया गया है. 

क्या होगा वॉकथ्रू सर्वे
जल संसाधन विभाग की मानें तो वॉकथ्रू सर्वे के दौरान नेपकान और हरियाणा की टीम एलाइनमेंट का पैदल सर्वे करेगी और इस दौरान यह देखा जाएगा कि कहां क्या परेशानी आ सकती है. कहां धार्मिक स्थलों की जमीन आएगी और कहां खेत पड़ेंगे. यह भी देखा जाएगा कि जिन हाईवे के पास से लाइन जाएगी, वहां क्या किया जा सकता है. एलाइनमेंट के दो विकल्पों पर एक साथ सर्वे किया जाएगा. पहला सर्वे 263 किलोमीटर के लिए होगा...जो कई कैनाल से होता हुआ चूरू के हासियावास तक जाएगा. दूसरा सर्वे 307 किलोमीटर का होगा, जो सिरसा ब्रांच कैनाल से, एनएच 52 होता हुआ हासियावास तक जाएगा. दोनों एलाइनमेंट में कई चीजों को देखा जाएगा.  एक रूट तय होने के बाद DGPS और ड्रोन सर्वे होगा. नेपकान कंपनी और हरियाणा की टीम सर्वे करेगी.

राजस्थान को हरियाणा से मिली बड़ी खुशखबरी 
-हरियाणा से वॉकथ्रू सर्वे की शुरुआत 
-हरियाणा में आज बैठक के दौरान वॉकथ्रू सर्वे पर बनी सहमति
-हरियाणा के इद्र हैड से शुरू किया गया वॉकथ्रू सर्वे
-दो एलाइमेंट पर किया जाएगा सर्वे का काम
-263 किलोमीटर की दूरी के लिए होगा पहला सर्वे
-307 किलोमीटर की दूरी के लिए होगा दूसरा सर्वे
-एक रूट तय होने के बाद DGPS और ड्रोन सर्वे होगा 
-नेपकान कंपनी और हरियाणा की टीम करेगी सर्वे
-चार महीने के भीतर तैयार की जाएगी संयुक्त डीपीआर
-संयुक्त डीपीआर के बाद तय होगी प्रोजेक्ट की कास्ट 

राजस्थान और हरियाणा के बीच 17 फरवरी, 2024 को दिल्ली में यमुना जल समझौते के तहत संयुक्त डीपीआर पर MOU हुआ था. उसके बाद राजस्थान ने तुरंत प्रभाव से टास्क फोर्स गठित कर दी थी ताकि हरियाणा के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण कर डीपीआर तैयार की जा सके. लेकिन हरियाणा में चुनाव के चलते टास्क फोर्स का गठन नहीं हो सका था. अब सहमति भी बनी और सर्वे का काम भी शुरू हो गया है. हरियाणा में आज बैठक के दौरान राजस्थान जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर जोन सीएस बेनीवाल की टीम मौजूद रही और कई एलाइनमेंट पर चर्चा के बाद दो पर सहमति बनते ही सर्वे की शुरुआत भी हो गई. 

-1994 में हुआ था यमुना जल समझौता
-ताजेवाला हैडवर्क्स (हथिनी कुंड बैराज) से मिलना है पानी
-अपर यमुना रिवर बोर्ड की 22वीं बैठक में तय हुआ था राजस्थान का हिस्सा 
-उस दौरान, मानसून अवधि में 1917 क्यूसेक जल राजस्थान को हुआ था आवंटित
-2003 में बना था हरियाणा की नहरों का रिमॉडलिंग का प्रस्ताव
-2003 में केन्द्रीय जल आयोग को भेजा गया था प्रस्ताव
-फरवरी, 2002 में सीडब्ल्यूसी में हरियाणा की सहमति शर्त के साथ प्रदान की
-सहमति के लिए 2003 में एमओयू के लिए हरियाणा को भेजा गया 
-लेकिन हरियाणा राज्य ने सहमति प्रदान नहीं की 
-2017 में राजस्थान के हिस्से के पानी की फिर से मांग की गई
-भूमिगत पाइपलाइन आधारित फिजिबिलिटी रिपोर्ट CWC को भेजी 
-2018 में केंद्रीय जल आयोग ने रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की 
-हथिनी कुंड बैराज से भूमिगत पाइप लाइन से जल वितरण का सुझाव दिया गया
-22 फरवरी, 2019 को डीपीआर की स्वीकृति की फाइल CWC को भेजी 
-27 अक्टूबर, 2020 को CWC के साथ बैठक में दो चरणों में काम का निर्णय हुआ
-28 दिसंबर, 2023 को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री की हरियाणा के साथ बैठक हुई 
-4 जनवरी, 2024 को फिर से दिल्ली में महत्वपूर्ण  बैठक हुई 
-7 और 16 फरवरी, 2024 को फिर से दिल्ली में बैठक आयोजित हुई 
-17 फरवरी, 2024 को दिल्ली में राजस्थान और हरियाणा के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए
-14 मार्च, 2024 को राजस्थान ने विभागीय टास्क फोर्स गठित की
-30 अप्रैल व एक मई, 2024 टास्क फोर्स ने किया हथिनी कुंड का निरीक्षण 
-1 व 2 जून, 2024 को तकनीकी बिंदुओं पर हरियाणा के अधिकारियों से चर्चा 
-31 जुलाई, 2024 को CWC को किया राजस्थान व हरियाणा की संयुक्त बैठक का आग्रह
-हरियाणा ने गठित की टास्ट फोर्स, राजस्थान के साथ हुई तीन बैठक
-30 जून को वाकथ्रू सर्वे की शुरुआत, हरियाणा से सर्वे की शुरुआत
-चार माह के भीतर नेपकान कंपनी को तैयार करनी है संयुक्त डीपीआर
-राजस्थान के सीकर, चूरू, झुंझुनू जिले को मिलेगा यमुना का जल

हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से चार भूमिगत पेयजल लाइनें निकलेंगी. तीन लाइनों से शेखावाटी का गला तर किया जाएगा. जल संसाधन विभाग की मानें तो एक लाइन हरियाणा-राजस्थान के बॉर्डर इलाकों को पेयजल उपलब्ध करवाएगी. उधर, हरियाणा के दादरी, भिवानी और हिसार के लिए भी पेयजल का इंतजाम होगा. हरियाणा से चूरू तक करीब 265 किलोमीटर लंबी लाइनें डाली जाएंगी. पूर्व के आकलन के अनुसार पूरी योजना पर 31 हजार करोड़ रुपए खर्च होने थे. लेकिन अब संयुक्त डीपीआर बनने के बाद तय होगा कि प्रोजेक्ट पर कितना खर्चा जाएगा.