भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ परियोजना के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है जिसमें प्राचीन मंदिरों और धरोहर संरचनाओं का जीर्णोद्धार और छोटा रुद्र सागर झील का जीर्णोद्धार शामिल है.
चौहान ने मंगलवार को उज्जैन में संवाददाताओं से कहा कि दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद इसे ‘‘श्री महाकाल महालोक’’ में तब्दील किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह 351 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित श्री महाकाल लोक गलियारे के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया था.
श्रमिकों एवं शिल्पकारों का अभिनंदन किया:
चौहान ने कहा कि श्री महाकाल लोक के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है, जिसमें शिखर दर्शन का विकास, ध्यान कक्ष, छोटा रुद्र सागर का जीर्णोद्धार, प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार और धरोहर धर्मशाला शामिल है. इससे पूर्व, उन्होंने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पुनर्विकास परियोजना के द्वितीय चरण के कार्य का निरीक्षण किया और महाकाल लोक गलियारे के निर्माण में शामिल श्रमिकों एवं शिल्पकारों का अभिनंदन किया.
मेघदूत उपवन की आधारशिला भी रखी:
चौहान ने कहा कि वह एक पत्र के साथ महाकाल मंदिर का प्रसाद देश के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों सहित देश के गणमान्य व्यक्तियों को भेज कर उन्हें महाकाल लोक के दर्शन के लिए आमंत्रित करेंगे. मुख्यमंत्री ने महाकाल लोक परियोजना के दूसरे चरण के तहत 11.36 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सात एकड़ भूमि पर विकसित होने वाले मेघदूत उपवन की आधारशिला भी रखी.
नदी तट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा:
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाकर और भू माफियाओं द्वारा निर्मित 187 दुकानों और उद्यानों को ध्वस्त कर इस परियोजना के लिए 69 करोड़ रुपये की भूमि का अधिग्रहण किया है. चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी विभाग इस जमीन पर ‘सिटी फॉरेस्ट’ विकसित करेगा, जिसमें चार्जिंग स्टेशन, वॉकिंग ट्रैक, बैठने की जगह, कैफेटेरिया के साथ 650 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी और नदी तट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. सोर्स-भाषा