अमित शाह 16 अक्टूबर को भोपाल में चिकित्सा शिक्षा के हिंदी पाठ्यक्रम की करेंगे शुरुआत

अमित शाह 16 अक्टूबर को भोपाल में चिकित्सा शिक्षा के हिंदी पाठ्यक्रम की करेंगे शुरुआत

भोपाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को यहां एक समारोह में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने की मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करेंगे. एक वरिष्ठ मंत्री ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिक्षा के हिंदी पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तक का अनावरण करेंगे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह अपनी मातृभाषा के गौरव को स्थापित करने का कार्यक्रम है और लोगों की मानसिकता बदलने की ऐतिहासिक घटना है. उन्होंने कहा कि यह साबित करने के लिए यह एक उदाहरण होगा कि विशेष विषयों को हिंदी में पढ़ाया जा सकता है न कि केवल अंग्रेजी में. चौहान ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के अलावा इंजीनियरिंग, नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम भी हिंदी में पढ़ाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में लोगों, विशेषकर हिंदी विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, क्योंकि इसका उद्देश्य भाषा के प्रति लोगों की मानसिकता को बदलना है. पाठ्यक्रम के बारे में बताते हुए सारंग ने कहा कि फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और एनाटॉमी जैसे विषयों के लिए किताबों का पहला खंड तैयार है और एमबीबीएस के पहले वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को ये किताबें दी जाएंगी.’’

उन्होंने कहा कि तीन विषयों की पाठ्य पुस्तकें विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा तैयार की गई हैं. उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों का दूसरा खंड तैयार किया जा रहा है. इस पहल में अहम योगदान देने वाले व्यक्ति सारंग ने कहा, "किताबें इस तरह तैयार की गई हैं जैसे की तकनीकी शब्द रक्तचाप, रीढ़, हृदय, किडनी, लीवर या शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों और संबंधित शब्द हिंदी में लिखे गए हैं." उन्होंने कहा, "हमने पाठ्यपुस्तकें इस तरह से तैयार की हैं कि हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद पीछे न रहें, क्योंकि वे अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी सभी तकनीक और चिकित्सा शब्द सीख रहे होंगे." सारंग ने कहा कि प्रथम वर्ष में केवल तीन विषय (शरीर विज्ञान, शरीर रचना विज्ञान और जैव रसायन) मुख्य रूप से छात्रों को पढ़ाए जाते हैं. सोर्स- भाषा