जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जी-20 की अध्यक्षता देश के लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर आज तक सभी प्रधानमंत्रियों ने भारत के विकास में अपना योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पंचशील सिद्धांत और गुटनिरपेक्ष आंदोलन जैसे वैश्विक कल्याण के विचार दिए तथा गुटनिरपेक्ष सम्मेलन भी भारत में आयोजित हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 के सदस्य देशों का विश्व की अर्थव्यवस्था और आबादी में बड़ा हिस्सा है. उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति को वैश्विक स्तर पर दिखाने के लिए यह एक बड़ा मंच है.
गहलोत ने कहा कि यह वैश्विक सम्मेलन विश्व पर भारतीय संस्कृति की अमिट छाप छोड़ने और ‘आने वाला दशक भारत का दशक हो’ इस परिकल्पना को साकार करने का बड़ा माध्यम बनने जा रहा है. मुख्यमंत्री शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन से जुड़े आयोजनों से संबंधित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे.
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने उदयपुर में आयोजित जी-20 शेरपा बैठक का उदाहरण देते हुए सभी जी-20 आयोजनों के डॉक्यूमेंटेशन के दिशा-निर्देश दिए ताकि आगे के आयोजनों में इसका उपयोग हो सके. बैठक में केन्द्र सरकार की ओर से जी-20 सम्मेलन के आयोजन पर दिए गए प्रस्तुतीकरण में राजस्थान सरकार द्वारा उदयपुर में जी-20 शेरपा बैठक के दौरान की गई व्यवस्थाओं, आतिथ्य, स्थानीय व्यंजनों तथा शेरपाओं के पारम्परिक राजस्थानी तौर-तरीकों से किए गए स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया गया.
राजस्थान ने जी-20 बैठकों के आयोजन में ऊंचे मापदण्ड स्थापित किए:
आयोजन के दौरान शेरपाओं ने राजस्थान में डिजिटल लेन-देन में सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतरीन प्रयोग की प्रशंसा की. प्रस्तुतीकरण में कहा गया कि राजस्थान ने जी-20 बैठकों के आयोजन में ऊंचे मापदण्ड स्थापित किए हैं, जो अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक हैं. बैठक में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर एवं विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल उपस्थित रहे.