Invest Rajasthan Summit 2022 : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले, निवेश सम्मेलन के कम-से-कम आधे समझौतों को क्रियान्वित कराने का लक्ष्य

Invest Rajasthan Summit 2022 :  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले, निवेश सम्मेलन के कम-से-कम आधे समझौतों को क्रियान्वित कराने का लक्ष्य

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार कोशिश करेगी कि निवेश राजस्थान सम्मेलन में जताई गई कुल निवेश प्रतिबद्धताओं में से कम-से-कम 50 प्रतिशत को क्रियान्वित किया जा सके. गहलोत ने यहां निवेश सम्मेलन खत्म होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि आम तौर पर विभिन्न राज्यों में आयोजित होने वाले निवेश सम्मेलनों में किए जाने वाले 20-25 प्रतिशत समझौता ज्ञापन (एमओयू) ही लागू हो पाते हैं लेकिन उनकी सरकार का उद्देश्य कम-से-कम आधे एमओयू को लागू करना है.राज्य सरकार ने निवेश सम्मेलन के आयोजन के पहले ही 10.44 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 4,192 एमओयू और आशय पत्रों (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए थे. इनमें से 1680 एमओयू और एलओआई या तो क्रियान्वित हो चुके हैं या क्रियान्वयन के दौर में हैं. यह कुल एमओयू का करीब 40 प्रतिशत हैं.

राजस्थान सरकार ने इस निवेश सम्मेलन से पहले नवंबर 2021 से लेकर सितंबर 2022 के बीच अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर कई रोड शो आयोजित किए थे. इस दौरान उद्योग निकायों एवं कंपनियों के साथ एमओयू एवं एलओआई किए गए.गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने इस बार नीति में बदलाव किया और निवेश सम्मेलन से पहले ही समझौतों पर हस्ताक्षर करा लिए गए. उन्होंने कहा कि “इस तरह के आयोजन कई राज्यों में होते हैं और निवेश प्रतिबद्धता का सिर्फ 15, 20 या 25 प्रतिशत निवेश ही वास्तविक रूप में हो पाता है. हमने लगभग 11 लाख करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इसमें से हम 50 फीसदी निवेश हासिल करने की कोशिश करेंगे.इसके पहले उन्होंने निवेश सम्मेलन के दूसरे दिन सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचा और सरकार की अनुकूल नीतियां एमएसएमई कंपनियों के लिए लाभकारी हैं. उन्होंने कहा, "इन कंपनियों को इसका लाभ उठाना चाहिए. सरकार उनके लिए हर वो कदम उठाएगी, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए जरूरी है.

गहलोत ने कहा कि एमएसएमई का भविष्य उज्ज्वल है और उनकी सरकार राज्य में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि एमएसएमई का रोजगार सृजन से सीधा संबंध है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई का रोजगार से करीबी संबंध है. एमएसएमई जितना मजबूत होगा, अर्थव्यवस्था उतनी ही मजबूत होगी और रोजगार भी ज्यादा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों में हस्तशिल्प उद्योग का विकास हुआ है जिससे कई लोगों की जिंदगी बदली है. गहलोत ने कहा कि बाड़मेर में तेल रिफाइनरी के पास स्थापित होने वाले पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में हजारों एमएसएमई इकाइयां स्थापित की जाएंगी जिनमें लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपति उसी राज्य में जाते हैं जहां सुविधाएं मिलती हैं और राजस्थान निवेश के लिए अनुकूल माहौल देने में आगे है. उन्होंने कहा, "हम राजस्थान में विकास का मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की अच्छी स्थिति के साथ पर्यावरण के अनुकूल माहौल है और किसी तरह की श्रमिक अशांति भी नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां की नौकरशाही भी समर्पण से काम करती है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राजस्थान में खुशहाली को मापने वाले 'हैप्पीनेस इंडेक्स' और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई सुधारात्मक निर्णय लिए हैं. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार, सामाजिक सुरक्षा देने और सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मुफ्त करने के लिए कदम उठाए गए. इस मौके पर सिडबी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस रमन ने राज्य में एमएसएमई क्षेत्र को वित्त के मामले में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. (भाषा)