सीमित ओवरों के प्रारूप से टेस्ट का दर्जा काफी ऊपर: मिशेल स्टार्क

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क का मानना है कि टेस्ट करियर को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें अपने करियर के अगले चरण में सीमित ओवरों के प्रारूप को अलविदा कहना होगा क्योंकि उनके लिए लाल गेंद के प्रारुप का करियर सबसे पहले आता है. यह 32 साल का वामहस्त गेंदबाज उन छह खिलाड़ियों में से है जो ऑस्ट्रेलिया के लिए सभी प्रारूप में खेलते है.

स्टार्क ने शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के दूसरे मैच में 47 रन देकर चार विकेट लिये जिससे ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 की अजेय बढ़त कायम कर ली. स्टार्क ने कहा कि टेस्ट (हमेशा) शीर्ष स्थान पर रहेगा. यह प्रारूप सीमित ओवरों के प्रारूप से काफी ऊपर है. स्टार्क के टीम की 2023 विश्व कप योजनाओं में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है. उन्होंने वेस्ट इंडीज और यूएसए में होने वाले 2024 टी20 विश्व कप में खेलने की इच्छा का भी संकेत दिया है.

उन्होंने कहा कि मैं बाकी चीजों के बारे में बाद में फैसला करूंगा. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मेरा शरीर कैसा महसूस करता है. खेलना मुझे पसंद है और अगर लय सही रही और टीम में चयन हुआ तो मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा. इस अनुभवी गेंदबाज ने कहा कि आज के दौर की व्यस्त कार्यक्रम के कारण किसी खिलाड़ी के लिए तीनों प्रारूप में खेलना असंभव की तरह है. उन्होंने कहा कि तीनों प्रारूप के खिलाड़ी के रूप में हर मैच को खेलना इस समय लगभग असंभव है. अपने कार्यभार को बनाए रखने के लिए, स्टार्क ने 2015 से आकर्षक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भाग लेना छोड़ दिया है.(भाषा)