हरियाली पर आरी, विवाद, विरोध ! जयपुर एयरपोर्ट पर 700 पेड़ काटने का विरोध, कॉलोनी नेस्तनाबूद, अब पेड़ों की बारी

जयपुर: राजधानी के सांगानेर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हरे पेड़ों पर चल रहे कुल्हाड़े और आरी को लेकर पर्यावरण विशेषज्ञों ने विरोध शुरू कर दिया है. एयरपोर्ट पहुंचकर पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस कवायद का विरोध किया और पेड़ काट रहे लोगों को रोक दिया. हालांकि एयरपोर्ट प्रशासन यहां नियमों के मुताबिक ही पेड़ों की कटाई कर रहा है, लेकिन दशकों पुराने दरख्तों को काटे जाने से पर्यावरण प्रेमियों में रोष है. 

वर्ष 1970 के आस-पास बसाई गई एयरपोर्ट रेजिडेंशियल कॉलोनी अब पूरी तरह उजड़ चुकी है. एक समय पर यहां एयरपोर्ट अथॉरिटी के करीब 100 कर्मचारियों के मकान बने हुए थे. इन कर्मचारियों के परिवार यहां हंसी-खुशी रह रहे थे. पिछले वर्ष केन्द्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट का निजीकरण किए जाने के बाद इसका कब्जा अडानी समूह को सौंपा जा चुका है. 

एयरपोर्ट टर्मिनल-1 को नए सिरे से शुरू किया जा रहा है, इसके लिए यहां पर विमानों के पार्किंग वे बनाए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए एयरपोर्ट रेजिडेंशियल कॉलोनी को करीब 10 माह पहले खाली करवाकर तोड़ा जा चुका है. अब यहां पर लगे करीब 700 हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. एयरपोर्ट प्रशासन ने इसके लिए वन विभाग और जिला प्रशासन से अनुमति ली है. रोजाना दर्जनों की संख्या में पेड़ों को काटा जा रहा है. पेड़ काटने को लेकर अब पर्यावरण प्रेमियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. जन समस्या निवारण मंच से जुड़े पर्यावरण विद् और अन्य पर्यावरण प्रेमी एयरपोर्ट पहुंचे और कटाई का काम बंद करवा दिया. 

एयरपोर्ट पर विकास के लिए हरियाली की बलि !
- जयपुर एयरपोर्ट पर काटे जा रहे 700 हरे-भरे पेड़
- एयरपोर्ट कॉलोनी में रोज दर्जनों पेड़ों को काटा जा रहा 
- इन हरे-भरे पेड़ों में 200 मोर व सैकड़ों अन्य पक्षियों का था बसेरा
- 50 वर्ष पुरानी कॉलोनी में मकानों को पहले ही तोड़ा जा चुका
- अब पेड़ों को काटकर यहां विमानों के पार्किंग वे बनाए जाएंगे
- एयरपोर्ट प्रशासन ने इसके लिए ली है जिला प्रशासन व सरकार से अनुमति
- कॉलोनी में वन विभाग द्वारा चिन्हित हैं 594 पेड़
- इनमें से करीब 50 पेड़ों को गोनेर वन क्षेत्र में शिफ्ट करेंगे
- बचे पेड़ों के एवज में बिचून में 4400 पेड़ लगाएगा अडानी समूह
- नए पेड़ लगाने के लिए वन विभाग को खर्च भी देगा समूह

पर्यावरण प्रेमियों की चिंता यहां एयरपोर्ट कॉलोनी में रहने वाले पशु पक्षियों को लेकर है. कॉलोनी के आबाद रहने के समय इसमें करीब 200 मोर रहते थे. इसके अलावा कोयल, तोता, कबूतर सहित दर्जनों प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा बना हुआ था. इन 700 हरे-भरे पेड़ों में चंपा-चमेली के पेड़ों को वन विभाग ने पेड़ की श्रेणी में शामिल नहीं किया है. इस तरह यहां कुल 594 पेड़ ही चिन्हित किए गए हैं. इनमें से करीब 300 पेड़ अब तक काटे जा चुका है. अब बचे हुए पेड़ों काे काटे जाने का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि इससे पशु-पक्षियों का आशियाना पूरी तरह उजड़ जाएगा.

जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन को इसके सम्बंध में ज्ञापन दिया:
पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ कटाई का काम बंद करवाने के साथ ही जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन को इसके सम्बंध में ज्ञापन दिया है. चीफ एयरपोर्ट ऑफिसर विष्णु मोहन झा को ज्ञापन सौंपकर पेड़ों की कटाई रोकने की मांग की है. हालांकि इस मौके पर झा ने कहा कि पेड़ों की कटाई नियमों के मुताबिक और सरकारी अनुमति से ही की जा रही है.