PM Modi Mangarh Visit: सियासी गपशप, पहली बार मंच पर एक साथ होंगे PM मोदी और CM गहलोत ! गुजरात चुनावों के बीच ये सियासी दृश्य होगा बेहद खास

PM Modi Mangarh Visit: सियासी गपशप, पहली बार मंच पर एक साथ होंगे PM मोदी और CM गहलोत ! गुजरात चुनावों के बीच ये सियासी दृश्य होगा बेहद खास

जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम का दौरा करेंगे. लेकिन इससे पहले सियासी गपशप शुरू हो गई है ! पहली बार पीएम मोदी और सीएम गहलोत मंच पर एक साथ होंगे ! गुजरात चुनावों के बीच ये सियासी दृश्य बेहद ही खास होगा जब पीएम मोदी और सीएम गहलोत मिलेंगे. आदिवासी धाम मानगढ़ इन दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात का गवाह बनेगा. दो विचारधारा एक मंच पर नजर आएगी! 

बता दें कि राजस्थान की राजनीति के मिजाज में मेवाड़-वागड़ की अलग पहचान है. यहां से जिस पार्टी की चुनावी आंधी चलती है उसी को राजस्थान पर राज करने का अवसर मिलता है. सियासी दल यहां की तासीर को समझते है लिहाजा यहां आ रहे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. दौरा सरकारी है लेकिन उनकी मौजूदगी बीजेपी को यहां मजबूती देकर जाएगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पहले से ही मेवाड़ पर पैनी नजरे गड़ा रखी है.गांधी परिवार और कांग्रेस का फोकस भी यहीं है,सीएम अशोक गहलोत भी पहुंच रहे वागड़ की धरती पर. दिग्गजों की मौजूदगी से राजस्थान ही नहीं गुजरात तक सियासी संदेश जाएगा. मानगढ़ में गोविंद गुरु को नमन करेंगे प्रधानसेवक. पीएम के दौरे से पहले ही राज्य के कांग्रेस नेताओं ने जवानी प्रहार शुरू कर दिए. 

राणा प्रताप, राणा पूंजा और गोविंद गुरु की धरती मेवाड़ और वागड़ से हुंकार भरने आ रहे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. यहां वे मेवाड़ औऱ वागड़ को मिलने वाली कई सौगातों की आधारशिला रख सकते है. खासतौर पर गोविंद गुरु की धरती और आदिवासियों के जलियांवाला कहे जाने वाले मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकते है.कार्यक्रम सरकारी है लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम अशोक गहलोत के संबोधन से सियासी संदेश देकर जा सकते है. बहरहाल पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्रियों ने जुबानी हमला बोल दिया है. डोटासरा ने कहा कि पीएम मोदी को आज 8 साल बाद मानगढ़ धाम याद आया है. अब जब गुजरात में चुनाव है. 12 महीने बाद राजस्थान में चुनाव है,पीएम मोदी का हर शब्द, चाल, विचित्र वेशभूषा सब वोट बैंक को देखकर होता है, लेकिन अगर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाता है तो हम उसका स्वागत करेंगे और कहेंगे और कहेंगे देर आए दुरुस्त आए.

कुछ माह पहले ही उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था और यही से अगले लोकसभा चुनावों का रोडमैप तैयार किया था. इस दौरान आदिवासियों के तीर्थ और मावजी महाराज की धरती बेणेश्वर पर राहुल गांधी की सभा हुई थी. आदिवासी अंचल में यूं तो नरेन्द्र मोदी पहले भी कई मर्तबा आ चुके है ,बतौर गुजरात सीएम भी उनके कई बार दौरे हुए थे ,आदिवासियों के आस्था केन्द्र मानगढ़ धाम पर भी वह कई बार आए. मेवाड़ वागड़ और गुजरात पडौसी है यहीं कारण है कि नरेन्द्र मोदी रणबांकुरों की धरती से भली भांति परिचित है.वे यहां की सियासी फिजा से वाकिफ है.

मेवाड़ -वागड़ की राजनीति अलग रही है,यहां से उपजे सियासी संदेश को पूरे प्रदेश ने स्वीकारा है. यहीं कारण था कि परिवर्तन और सुराज संकल्प यात्रा की शुरुआत वसुंधरा राजे ने मेवाड़ की धरती से ही की थी, जबकि 1952 से हो रहे चुनावों के परिणाम देखे तो पलड़ा कांग्रेस का ही भारी रहा. राज्य में सर्वाधिक शासन करने वाले मुख्यमंत्री रहे मोहन लाल सुखाड़िया की कर्मभूमि मेवाड़ रही,वहीं वागड़ को हरिदेव जोशी ने मुख्यमंत्री बनकर सियासी पहचान दी.आदिवासी अंचल में वनवासियों के बीच खुद को स्थापित करने के लिये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कदम बढ़ाये ,बाद में बीजेपी ने संगठन खड़ा किया.

मेवाड़ वागड़ पॉलिटिकल मैप:
- कद्दावर नेता सुंदर सिंह भंडारी ने मेवाड़ में जनसंघ खड़ा किया
- भंडारी ही गुलाबचंद कटारिया जैसे संघ के स्वयंसेवकों को पार्टी में लाये
- बीजेपी के लिये जमीन तैयार की 
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने 70के दशक में यहां प्रवास किये 
- भानुप्रकाश शास्त्री जैसे नेताओं ने बीेजेपी को खड़ा करने में पसीना बहाया
- मेवाड़-वागड़ की धरती पर आर एस एस ने नेटवर्क तैयार किया
- संघ प्रचारक सोहन सिंह ने आदिवासी धरती पर संघ नेटवर्क सशक्त बनाया
- वनवासी कल्याण परिषद बनाकर मिशनरी प्रभाव को रोकने का काम किया गया
- आदिवासी क्रांतिकारी गोविन्द गुरु के स्मारक के लिये कार्य किया
- यह इलाका गुजरात से सटा है लिहाजा नरेन्द्र मोदी का प्रभाव काम आया
- मौजूदा संघ प्रमुख मोहन राव भागवत के ने यहां की कई यात्राएं की फ
- प्रताप गौरव स्मारक बनाकर संघ ने यहां अपने दखल को सशक्त किया
- भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे ने आदिवासी इलाके में कमल को मजबूती देने का चुनावी रोड मैप बनाया था
- जेडीयू और गैर बीजेपी आदिवासी नेताओं को बीजेपी में लाए
- नये आदिवासी नेतृत्व को राजे भाजपा में लेकर आए
- कुशलगढ़ जैसे सीटों पर आजादी के बाद पहली बार कमल खिलाने का काम भी हुआ
- सबसे अधिक सीटें राजे के समय ही बीजेपी को यहां मिली
- अब कांग्रेस सरकार ने भी मेवाड़ वागड़ पर फोकस कर रखा है
- विधानसभा स्पीकर डॉ सीपी जोशी मेवाड़ से ही आते है 
- आदिवासी चेहरे महेंद्रजीत मालवीय को कैबिनेट मंत्री और अर्जुन बामनिया को राज्य मंत्री बना रखा है
- यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कमान डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा के पास है
- बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए यहां चुनौती बन गई भारतीय ट्राइबल पार्टी और भील प्रदेश मोर्चा
- बीते विधानसभा चुनावों में BTP के दो विधायक बन गए 

बीते लोकसभा चुनावों में उदयपुर और डूंगरपुर बांसवाड़ा, चितौड़,राजसमंद सांसद बीजेपी के है. भारतीय ट्राइबल पार्टी ने यहां दोनों दलों बीजेपी और कांग्रेस के लिए चिंता बढ़ाने का काम किया है.पीएम मोदी के दौरे पर निशाना साधते हुए जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने कहा पीएम मोदी सांस भी लेते है तो चुनाव में असर को देखकर लेते है. मानगढ़ धाम भी उनका चुनावी एजेंडा है वैसे तो पीएम मोदी का अनुसरण देश को करना चाहिए लेकिन अभी उल्टा हो रहा है. मोदी अशोक गहलोत का अनुसरण कर रहे है केंद्र हमारी नीतियों का अनुसरण करने की कोशिश कर रहा है.जोशी ने एक बार ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की.प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी का मानगढ़ का दौरा सरकारी रहेगा लेकिन संदेश सियासत से लबरेज रह सकता है.मानगढ़ के साथ ERCP को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने को लेकर सियासत गरमाएगी.एक जमाने में बेणेश्वर का संगम चुनावी आंधी में गांधी परिवार को सियासी वैतरणी पार लगाता था ,अब त्याग,बलिदान और शौर्य की धरती नरेन्द्र मोदी का संदेश सुनेगी.