VIDEO: मरुधरा की माटी की सौंधी सुगंध देश दुनिया के पर्यटकों को कर रही सम्मोहित, नवंबर में रिकॉर्ड 7 लाख 23 हजार से ज्यादा आए पर्यटक

जयपुर: राजस्थान और पर्यटन अब एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं. मरुधरा की माटी की सौंधी सुगंध देश दुनिया के पर्यटकों को सम्मोहित कर रही है. यही कारण है कि नवंबर में प्रदेश में रिकॉर्ड 7 लाख 23 हजार से ज्यादा पर्यटक आए. रोजाना औसतन 16 हजार 238 पर्यटकों की राजस्थान में आवक दर्ज की गई. इससे राजस्व् क तौर पर सरकार को रोजाना 9 लाख 67 हजार रुपए से ज्यादा राजस्व मिल रहा है तो स्टेक होल्डर्स भी रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा राजस्व में हिस्सेदार कर रहे हैं. चालू वर्ष के पहले 11 महीने में प्रदेश में कुल 54 लाख 23 हजार 512 पर्यटक पहुंचे जो कोरोना के बाद प्रतिशत वृद्धि में देश में सर्वाधिक हैं. 

प्रदेश में ऑफ सीजन में आए रिकॉर्ड पर्यटक

माह                       पर्यटक संख्या              राजस्व
जनवरी                   3,59,000                 1.90 करोड़
फरवरी                   4,11,161                 2.27 करोड़
मार्च                       4,95,870                 2.83 करोड़
अप्रेल                     2,84,873                 1.66 करोड़
मई                        3,42,074                 1.92 करोड़
जून                       4,71,120                  2.54 करोड़
जुलाई                    5,26,101                 2.93 करोड़
अगस्त                    5,51,061                 3.05 करोड़
सितंबर                   4,90,755                 3.09 करोड़
अक्टूबर                  7,68,397                 5.16 करोड़
नवंबर                     7,23,100                 4.96 करोड़          
कुल                       54,23,512               32.33 करोड़

राजस्थान की संस्कृति का सम्मोहन ही ऐसा है कि इसके आकर्षण में हर कोई खिंचा चला आता है. यही कारण है कि कोरोना की चपेट में आने के बाद जिस तेमी और शिद्दत से राजस्थान पर्यटन खड़ा हुआ वैसा कोई  दूसरा राज्य नहीं हो पाया. राजस्थान में इस साल पहले 11 महीने में रोजाना औसतन 16 हजार 238 पर्यटक आए हैं. इनमें से भी 80 फीसदी सिर्फ राजधानी जयपुर पहुंचे हैं. ट्रेवल ट्रेड का मानना है कि सर्दियों में इस संख्या में और इजाफा होगा. दरअसल हमारी सतरंगी आकर्षण ऐसा कि पर्यटक यहां बरबस ही खिंचे चले आते हैं. पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद तो पर्यटन ढांचे में तेजी से सुधार देखने को मिला है. ट्रेवल ट्रेड पूरे जोश के साथ पावणों के स्वागत में जुट गया है. इस वर्ष के पहले 11 महीने में ही करीब 54 लाख 23 हजार से ज्यादा पर्यटक प्रदेश में आए हैं. अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही पर्यटकों की संख्या में जोरदार वृद्धि देखने को मिली और दिसंबर की शुरुआत से ही यह संख्या बढ़ती जा रही है जो क्रिसमस और न्यू ईयर पर अपने चरम पर होगी. 

कोरोना ने जब पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया तब भी राजस्थानी की आन, बान और शान को डिगा नहीं पाया. वरन पर्यटन के पायनियर राजस्थान ने वैश्विक महामारी जैसी आपदा को अवसर में बदल दिया. हमने प्री और पोस्ट कोविड मैनेजमेंट में देश दुनिया में नजीर पेश की और लोगों को ये समझाने में कामयाब रहे कि राजस्थान महामारी के दौर में सबसे सुरक्षित प्रदेश है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और विभाग के तमाम अधिकारियों ने बेहतर टीम वर्क और कुछ नया कर गुजरने की इच्छाशक्ति के बल पर इतिहास रच दिया. घरेलू पर्यटकों की संख्या में 84 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. मई से सितंबर तक के भीषण गर्मी और बरसात के दौर में भी राजस्थान में पर्यटन के लिहाज से ऑफ सीजन माना जाता था लेकिन इन 5 महीनों में हमने नया रिकॉर्ड बना दिया और ऑफ सीजन नाम की धारणा को हमेशा के लिए खत्म कर दिया. इन 5 महीने में सीजन के चार महीने से भी ज्यादा पर्यटक आए. यही नहीं मई से नवंबर तक हर महीने सैलानियों की आवक बढ़ती चली गई. जनवरी से अक्टूबर तक 11 महीने करीब 54 लाख 23 हजार से ज्यादा पर्यटक आए जिनसे 32 करोड़ 33 लाख से ज्यादा का राजस्व मिला. मई में प्रदेश में जहां 3 लाख 42 हजार से ज्यादा पर्यटक आए वहीं जून में यह संख्या 4 लाख 71 हजार से ज्यादा रही. जुलाई में बढ़कर 5 लाख 26 हजार से ज्यादा तो अगस्त में 5 लाख 50 से अधिक पर्यटक आए, सितंबर में 3 लाख 46 हजार से ज्यादा पर्यटक आए और अक्टूबर में यह संख्या बढ़कर 7 लाख 88 हजार के पार पहुंच गई जो अभी तक का रिकॉर्ड है. 

नवंबर में भी 7 लाख 23 हजार से ज्यादा पर्यटक आए. पुरातत्व विभाग के निदेशक महेंद्र सिंह खड़गावत का कहना है कि पर्यटनस्थलों पर आधारभूत सुविधाओं का विकास और वर्चुअल टूर से भी पर्यटकों में राजस्थान को लेकर भरोसा दिखा. पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ का कहना है कि वैक्सीनेशन में मॉडल राज्य के तौर पर उभरना क्लिक कर गया. राज्य सरकार ने लगातार घरेलू पर्यटकों पर फोकस किया नतीजे शानदार रहे. कोरोना के बाद तो मानो पूरा प्रदेश इस बात में जुट गया था कि हमे पर्यटन को सिरमौर बनना है. यही कारण रहा कि राजस्थान में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि पूरे देश में सबसे ज्यादा रही और हमने कोरोना जैसी आपदा को अवसर में बदल दिया. अब फेस्टिव सीजन शुरू होने से पर्यटकों की संख्या में जोरदार वृद्धि देखने को मिल रही है.